Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

मालामाल होगा भारत : रायगढ़ समेत देश के चार राज्यों में हीरे के नए भंडार होने के संकेत मिले, 46 लाख कैरेट हीरा भंडार होने की संभावना

मालामाल होगा भारत : रायगढ़ समेत देश के चार राज्यों में हीरे के नए भंडार होने के संकेत मिले, 46 लाख कैरेट हीरा भंडार होने की संभावना

Share this:

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की हालिया रिपोर्ट की मानें तो छत्तीसगढ़ के रायगढ़ समेत देश के चार राज्यों में हीरे के नए भंडार होने के संकेत मिले हैं। खनिज विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल हीरा भंडार का 28.26 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ के भूगर्भ में है। भारत में कुल 46 लाख कैरेट हीरा भंडार होने की संभावना है, जबकि छत्तीसगढ़ में लगभग 13 लाख कैरेट हीरे की उम्मीद है। इतनी बड़ी मात्रा में हीरा मिलने के संकेत से आने वाले दिनों में भारत मालामाल हो जाएगा।

2019 से चल रहा हीरा खोजने का अभियान

इससे पहले भी राज्य के कई स्थानों पर भूवैज्ञानिकों ने हीरे की उपस्थिति का अनुमान व्यक्त किया है। रायगढ़ गरियाबंद, महासमुंद और बस्तर में पहले ही हीरे और सोने की मौजूदगी के संकेत मिल चुके हैं। हीरे की उपस्थिति की टेस्टिंग रिपोर्ट के आधार इसके व्यावसायिक उत्खनन के लिए जल्द ही पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मालूम हो कि नबंवर 2019 में प्रदेश की भूपेश सरकार ने केन्द्र की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में रायगढ़ ,गरियाबंद, महासमुंद और बस्तर में हीरे और सोने की खोज का अभियान शुरू किया है। 

छत्तीसगढ़ में 100 लाख करोड़ रुपए की खनिज संपदा

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण व भूवैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर सोना, हीरा और यूरेनियम समेत 8 बहुमूल्य खनिजों की तलाश पिछले कुछ सालों से कर रही है। कोयला, चूना पत्थर, ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट और टंगस्टन जैसे खनिजों के सर्वेक्षण का काम भी किया गया है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के सरायपाली ब्लॉक के पहाड़ों में हीरे और सोने की खान मिलने की उम्मीद सरकार को है। छत्तीसगढ़ की धरती में करीब 60 लाख करोड़ रुपए के 28 खनिजों के भंडार प्रमाणित हैं। खनिज विभाग और विशेषज्ञों का आंकलन है कि 1.35 लाख वर्ग किमी में फैले छत्तीसगढ़ में लगभग 100 लाख करोड़ रुपए की खनिज संपदा है, जिसमें से तकरीबन 60 लाख करोड़ रुपये के भंडार प्रमाणित हो चुके हैं। सबसे पहले डी-बीयर्स नामक कंपनी ने गरियाबंद इलाके में हीरे के व्यावसायिक उत्खनन के लिए एरियल सर्वे किया था। इसके बाद रियो टिंटो नाम की दूसरी कंपनी को इसका जिम्मा सौंपा गया था। इसके बाद जीएसआई ने यहां सर्वे शुरू किया और यहां खदान में बहुतायत में हीरे होने के प्रमाण मिले हैं।

सरायपाली में सोने और हीरे का भंडार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुसार भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने महासमुंद जिले के सरायपाली क्षेत्र में हीरे और सोने का बड़ा भंडार होने की संभावना जताई है। जिओ केमिकल अध्ययनों की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरायपाली के शिशुपाल पहाड़ी क्षेत्र के लिमऊगुड़ा, जम्हारी, मल्दामाल, सहाजपाली और बसना क्षेत्र के चंदखुरी, कांदाडोंगरी, रूपापाली, धामन घुटकुरी, चपिया और पाटिलडोंगरी गांवों के नीचे किम्बर लाइट की चट्टानें मौजूद हैं, जिसके आधार पर एजेंसियों को इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में हीरे और सोने की खान मिलने का अनुमान है।

हवाई और मैग्नेटिक सर्वे भी हो चुका है

जीएसआई ने उर्दना, तारापुर, जैमुरा, कोड़ातराई, रेंगाली, देवलसुरा, तेतला व आसपास के क्षेत्रों में पूर्व में किए गए सर्वे में पहले ही हीरे के मौजूदगी की जानकारी मिली है। जीएसआई इन इलाकों का हवाई सर्वे के साथ मैग्नेटिक सर्वे भी कर चुकी है। भूगर्भशास्त्री संजय कनकने के अनुसार जिओ-केमिकल अध्ययनों के मुताबिक महासमुंद जिले के बसना, चंद्रखुरी, बड़ाडोंगरी और जमनीडीह, शिशुपाल पहाड़ी क्षेत्र के लिमऊगुड़ा, जम्हारी, मल्दामाल, साजापाली और बसना क्षेत्र के चंदखुरी, कांदाडोंगरी, रूपापाली, धामन घुटकुरी, चपिया गांवों के नीचे किम्बरलाइट चट्टानों की मौजूदगी पाई है। इस क्षेत्र में हीरे और सोने की खान मिलने का अनुमान हैं।

Share this: