Parliament (संसद) के पटल पर देश के डिफेंस बजट के संदर्भ में संसदीय समिति ने 16 मार्च को अपनी रिपोर्ट रखी है। समिति ने इस रिपोर्ट में साल 2022-23 के रक्षा बजट में 63 हजार करोड़ रुपये की कटौती पर नाराजगी जताई है। समिति ने स्पष्ट कहा है कि तीनों सेनाओं की मांग की तुलना में बजट में आवंटित राशि में भारी कमी है। रक्षा मंत्रालय को आने वाले वर्षों में खर्च में कोई कटौती नहीं करनी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022-23 के लिए कैपिटल मद में 2,15,995 करोड़ रुपये की मांग की गई, जबकि इसकी तुलना में बजट में सिर्फ 1,52,369.61 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
प्रभावित हो सकती हैं रक्षा गतिविधियां
समिति ने कहा है कि ऐसी कटौती से रक्षा सेवाओं की गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल 2022-23 के लिए थल सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए मांग और आवंटन में क्रमश: 14729.11 करोड़, 20031.97 करोड़ और 28471.05 करोड़ रुपयों का अंतर है, जो बहुत अधिक है। गौरतलब है कि सरकार रक्षा आधुनिकीकरण के बजट को अगले वर्षों में खर्च करने के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर रही है।
सीमा पर तनाव, निर्णय सही नहीं
समिति ने कहा, हमारा मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ सीमा पर वर्तमान में हमारे बढ़े हुए तनाव को देखते हुए रक्षा तैयारियों के लिए यह स्थिति सुखकर नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने अपनी पुरानी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि कैपिटल बजट को लैप्स होने वाला नहीं होना चाहिए और बची हुई राशि अगले वर्ष में खर्च करने के लिए उपलब्ध होनी चाहिए।