Fhiji news : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में फिजी की राजधानी सुवा में हैं। फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली कटोनिवेरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कंपेनियन आॅफ द आॅर्डर आॅफ फिजी से सम्मानित किया। यह फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह सम्मान भारत और फिजी के बीच मित्रता के गहरे सम्बन्धों का परिचायक है। यह सचित्र विवरण भारत की राष्ट्रपति के ‘एक्स’ हैंडल पर साझा किया गया है। द्रौपदी मुर्मू का सुवा पहुंचने पर फिजी के प्रधानमंत्री सीटिवेनी राबुका ने जोरदार स्वागत किया। राष्ट्रपति फिजी के बाद न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते जायेंगी। किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की फिजी और तिमोर-लेस्ते की पहली यात्रा है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
राष्ट्रपति की यात्रा का ब्योरा साझा किया था
विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार ने पिछले दिनों नयी दिल्ली में राष्ट्रपति की यात्रा का ब्योरा साझा किया था। इसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पांच से 10 अगस्त तक तीन देशों फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की यात्रा पर रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर भारत ने विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया है। यह तीनों देश भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत आते हैं। भारत और फिजी के बीच राजनयिक सम्बन्धों के 75 वर्ष पूरे हो गये हैं। भारत, फिजी का प्रमुख विकास भागीदार रहा है।
भारत और फिजी में जीवंत लोकतंत्र सहित काफी कुछ एक समान : द्रौपदी
फिजी की दो दिवसीय यात्रा पर गयींं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को वहां की संसद को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से उभर रहा है। भारत एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनने के साथ-साथ प्राथमिकताओं के अनुसार फिजी के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है। उन्होंने इस मौके पर दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए अपनी साझेदारी की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए एक साथ आने को कहा। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आकार में बहुत अंतर होने के बावजूद भारत और फिजी में जीवंत लोकतंत्र सहित काफी कुछ एक समान है। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले इसी हॉल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ मूल्यों का जिक्र किया था, जो भारत और फिजी को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र, हमारे समाज की विविधता तथा प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सम्मान और अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बताता है। ये साझा मूल्य शाश्वत हैं, आगे भी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
दुनिया को फिजी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि बाकी दुनिया को फिजी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। फिजी की सौम्य जीवनशैली, परंपराओं तथा रीति-रिवाजों के प्रति गहरा सम्मान, खुला और बहुसांस्कृतिक वातावरण, फिजी को तेजी से संघर्षों में घिर रही इस दुनिया में इतना खास बनाता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि फिजी वह जगह है, जहां बाकी दुनिया अपनी खुशियां ढूंढने आती है। राष्ट्रपति मुर्मू अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में फिजी की राजधानी सुवा में हैं।
भारत एक सक्षम व संवेदनशील देश के रूप में उभर रहा
राष्ट्रपति मुर्मू ने फिजी में अपने सम्बोधन में कहा कि भारत एक सक्षम और संवेदनशील देश के रूप में उभर रहा है। हमने वैश्विक मंच पर महत्त्वपूर्ण नेतृत्व की भूमिका निभायी है। पिछले वर्ष हमारी जी-20 अध्यक्षता की ऐतिहासिक सफलता ने दर्शाया कि भारत का समावेशी, निर्णायक, महत्त्वाकांक्षी और कार्योन्मुखी नेतृत्व विश्व के लिए क्या कर सकता है। जैसा कि हमने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान किया था। हम ग्लोबल साउथ के हितों को जोर से आवाज देने के लिए हर वैश्विक मंच का उपयोग करना जारी रखेंगे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और सुरक्षित दुनिया बनाने का प्रयास करेंगे।