India- China tension : भारत और चीन के बीच सब कुछ सामान्य है, ऐसा नहीं कहा जा सकता। दोनों ही देशों ने अपने-अपने स्तर पर अपने सैनिकों को किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैनात रखा है। यह सारी कवायद भारत चीन की सीमा पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को लेकर विद्यमान धारणाओं की वजह से है। सीमा निर्धारित नहीं होने के कारण संबंधित क्षेत्र में कुछ महीने पूर्व तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। चूंकि एलएसी निर्धारित नहीं है, सो सीमा पार होने वाली सभी गतिविधियों पर बहरहाल नजर रखी जा रही है।
सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में स्थिति सामान्य लेकिन वह को बरकरार
भारतीय सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने स्पष्ट कहा है कि सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में स्थिति भले ही वर्तमान में सामान्य हो, लेकिन संबंधित सत्र को लेकर ऊहापोह अभी बरकरार है। जहां तक पूर्वी कमान के अंतर्गत सीमा क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों में चीन ने सैनिकों की तैनाती की है, उसे देखते हुए भारत की तरफ से भी सैनिकों की संख्या में वृद्धि की गई है। संबंधित क्षेत्रों में सेना ने बुनियादी ढांचे को और भी विकसित करने का काम किया है।
पूर्वी कमान के लिए अहम है सिलीगुड़ी कॉरिडोर
भारतीय सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने यह स्वीकार किया है कि पूर्वी कमान के लिए सिलिगुड़ी कॉरिडोर काफी अहम है। चीन द्वारा चुंबी घाटी में वैकल्पिक सड़क मार्ग का निर्माण किए जाने से इस कॉरिडोर की सुरक्षा प्रभावित होने से जुड़े सवालों पर कलिता ने स्पष्ट किया कि बंगाल को पूर्वी भारत से जोड़ने के लिए सिलीगुड़ी निश्चित तौर एक महत्वपूर्ण कॉरिडोर है। खासकर श्री करने की इलाका जो लगभग 27 किलोमीटर लंबा है, लिहाजा इन सभी बातों को देखते हुए सिलीगुड़ी कॉरिडोर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास कार्य तेज गति से किया जा रहा है। साथ ही उस क्षेत्र की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। वहां की हर एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।