World (दुनिया) के सभी देश रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से परेशान हैं। अर्थव्यवस्था कौन सी गति भविष्य में अख्तियार करेगी, इसका आकलन दुनिया के अर्थशास्त्री कर रहे हैं। इस बीच महंगाई डायन अपना कहर किस-किस रूप में और बरपाएगी, इसे समझने के लिए देखते जाना होगा। लोकतंत्र में चुनाव आते हैं, जाते हैं। सत्ता मिलती है, छिपती है, पर आम लोगों की जिंदगी परेशानियों की चक्की में कैसे पिसती है, सत्ता को इससे कोई संवेदनात्मक जुड़ाव नहीं होता। इस बीच भारत में महंगाई अपने हाथ-पांव फैला रही हैं। भविष्य में यह कहां तक फैलाएगी, इसे भी देखते रहिए। अभी- अभी जारी आंकड़ों से पता चला है कि फरवरी में खुदरा महंगाई दर आठ माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इधर, 14 मार्च को मैगी, चाय, कॉफी और अन्य कई उत्पादों की कंपनियों ने कीमत बढ़ा दी है। कुछ दिन पहले ही दूध की कीमत में ₹2 प्रति किलो का इजाफा तो हो ही चुका है।
आरबीआई ने निर्धारित की है सीमा
आंकड़े बोल रहे हैं कि जनवरी में यह 6.01 फीसदी पर थी, जो अब बढ़कर 6.07 फीसदी हो गई है। गौरतलब है कि आरबीआई ने खुदरा महंगाई की दर को काबू में रखने के लिए एक सीमा निर्धारित किया हुआ है। महंगाई दर अगर 6 फीसदी तक जाती है, तो उसे काबू में ही माना जाता है, लेकिन अब ये 6 फीसदी से ऊपर चली गई है।
आरबीआई बढ़ा सकता है ब्याज दर
ऐसे में संभावना है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। बता दें कि आरबीआई ने पिछले दो सालों से रेपो रेट को करीब चार फीसदी के आसपास बनाए रखा है। अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं तो आपकी होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की ईएमआई भी बढ़ेगी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई भी फरवरी माह में बढ़ी है। यह लगातार 11वां महीना है, जब थोक महंगाई दोहरे अंकों में रही है। थोक महंगाई फरवरी में 13.11 फीसदी रही है, जो जनवरी 2022 में 12.96 फीसदी रही थी। ईंधन और बिजली की महंगाई सबसे ज्यादा 31.50 फीसदी रही है।