क्रिकेट मैच दिखाकर आनलाइन पायरेसी में लिप्त वेबसाइटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया है। ये वेबसाइटें प्राधिकरण की अनुमति लिए बिना ही क्रिकेट मैचों का सीधा प्रसारण कर रही थीं। आइपीएल मुकाबलों को देखते हुए हाई कोर्ट ने स्टार इंडिया द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बड़ा आदेश दिया है।
बिना अनुमति वेबसाइट्स नहीं कर सकतीं प्रसारण
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि कोर्ट भी प्रथमदृष्टया इस बात से संतुष्ट है कि किसी भी अन्य वेबसाइट के खिलाफ निषेधाज्ञा दी जानी चाहिए, जो पायरेटेड सामग्री दिखाते हुए आइपीएल -2022 के मैचों का अवैध व गैर कानूनी ढंग से प्रसारण शुरू कर सकती हैं। हाई कोर्ट ने कई इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आइएसपी) को ऐसे वेबसाइटों को ब्लाक करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने दूरसंचार विभाग, इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी इन वेबसाइटों को ब्लाक करने के आदेश जारी करने के लिए भी कहा।
वादी सुबूत के साथ हलफनामा दायर कर सकता है
हाई कोर्ट ने कहा कि अगर वेबसाइट आइपीएल-2022 के मैचों को अवैध रूप से प्रसारित करती हैं, तो इस संबंध में वादी सुबूत के साथ अदालत में हलफनामा दायर कर सकता है। वादी की सूचना सही मिलने पर ऐसी अन्य वेबसाइटों को अवरुद्ध करने के आदेश तुरंत और किसी खास मामले में 24 घंटे के भीतर भी पारित किए जाएंगे, ताकि वेबसाइट आइपीएल-2022 के कंटेंट को किसी भी तरह से प्रसारित नहीं कर सकें।
स्टार इंडिया ने लिया है अधिकार
हाई कोर्ट को स्टार इंडिया ने बताया कि उसने एक जनवरी, 2018 से 30 सितंबर, 2022 तक कुल पांच सालों के लिए विशेष मीडिया अधिकार प्राप्त किए हैं। इसमें आइपीएल मैचों के लिए मोबाइल सक्रियण समेत अन्य सहायक अधिकार शामिल हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि वेबसाइटों को बिना किसी लाइसेंस या प्राधिकरण के पायरेटेड सामग्री प्रसारित करते देखा गया है और पिछले क्रिकेट मैचों की फुटेज भी अनुमति के बिना प्रसारित की गई थीं। वकील ने कहा कि इन वेबसाइटों पर मैच प्रसारण आमतौर पर मैच के दौरान शुरू होता है और जब तक कार्रवाई कर वेबसाइट को हटाया जाए, तब तक मैच खत्म हो चुका होता है।