National news, research and technology, Aditya L1, Bengaluru news : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को सूर्य मिशन पर बड़ी कामयाबी मिली है। इसरो ने बताया कि सूर्य पर रिसर्च के लिए भेजे गये आदित्य एल-1 ने अब पृथ्वी के कक्ष को छोड़ दिया है। गौरतलब है कि आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करनेवाला पहला अंतरिक्ष भारतीय मिशन है। आदित्य एल-1 अब अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव के लिए निकल चुका है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यानी कि आदित्य-एल1 सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि में करीब 2 बजे तय प्रक्रिया के तहत धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से आगे निकल गया और फिर पृथ्वी-सूर्य प्रणाली में लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर पहुंचने के लिए अपनी चार महीने की यात्रा शुरू कर दी है। इसकी जानकारी इसरो ने ट्वीटर कर दी है। गौरतलब है कि यह प्वाइंट पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। अंतरिक्ष यान आदित्य-एल1 ने पृथ्वी की ओर जानेवाली चार गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। एक बार जब आदित्य-एल1 लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंच जायेगा, तो यह एक प्रभामंडल कक्षा में प्रवेश करेगा और अपने मिशन की अवधि के दौरान वहीं रहेगा।
आदित्य एल1 ने डाटा जुटना शुरू किया
वहीं, आदित्य-एल1 ने फिलहाल साइंटिफिक डेटा जुटाना शुरू कर दिया है। बीते 2 सितम्बर को इसरो ने पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के जरिये आदित्य एल1 की लॉन्चिंग की थी, जिसे पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन बिन्दु-1 पर प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जायेगा। बीते सोमवार को इसरो ने ट्वीट कर कहा था कि आदित्य में लगे उपकरण सुप्रा थर्मल एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (स्पेस) के सेंसर ने सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनों और इलेक्ट्रानों को मापना शुरू कर दिया है। इसे 10 सितम्बर को पृथ्वी से 50 हजार किलोमीटर से अधिक दूरी पर सक्रिय किया गया था।