ISRO mission 2040, ab Bharat ke logon Ko chandrama Ki sair karne ka mauka milega, science and technology, Top National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, Bengaluru news : भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (ISRO) अपनी काबिलियत से पूरी दुनिया में बड़ा पहचान बना चुका है। यहां तक कि अमेरिकी अतंरिक्ष एजेंसी नासा भी इसरो के साथ काम करने को लालयित रही है। अब दोनों मिलकर स्पेश के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाने पर काम कर रहे हैं। आनेवाले समय में भारत के लोगों को चंद्रमा की सैर करने का मौका मिलेगा। अंतरिक्ष में एक और तकनीकी उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो को बधाई दी है। चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल ने एक सफल चक्कर लगाया। एक अन्य अनूठे प्रयोग में प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्र कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया गया है। इस उपलब्धि के बारे में इसरो के एक्स पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधान मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया,’बधाई हो इसरो। हमारे भविष्य के अंतरिक्ष प्रयासों में हासिल की गयी एक और तकनीकी उपलब्धि में 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय को भेजने का हमारा लक्ष्य भी शामिल है।’
पीएम को चंद्र कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया गया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, ‘एक और अनूठे प्रयोग में, विक्रम लैंडर पर हॉप प्रयोग की तरह, चंद्रयान -3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) को चंद्रमा के चारों ओर एक कक्षा से पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा में ले जाया गया।’ इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘चंद्रयान-3 मिशन : सीएच-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) एक सफल चक्कर लगाता है! एक अन्य अनूठे प्रयोग में, पीएम को चंद्र कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया जाता है। चंद्रयान -3 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास एक नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना और विक्रम और प्रज्ञान पर उपकरणों का उपयोग करके प्रयोग करना था। 23 अगस्त को विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर अपनी ऐतिहासिक लैंडिंग की और उसके बाद प्रज्ञान रोवर को तैनात किया गया। लैंडर और रोवर में वैज्ञानिक उपकरणों को निर्धारित मिशन जीवन के अनुसार 1 चंद्र दिवस तक लगातार संचालित किया गया।’