Bhuneshwar news : ओडिशा स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का ‘रत्न भंडार’ (खजाना भंडार) चार दशकों से अधिक समय के बाद रविवार को आडिट के लिए खोला गया। रविवार को दिन में 1:28 बजे मानक प्रक्रिया अपनाते हुए रत्न भंडार खोला गया है। पहले बाहरी भंडार को खोला गया और वहां मौजूद सामग्री को स्थानांतरित किया गया। इसके बाद भीतरी भंडार को खोलने के लिए तीन ताले तोड़े गये तथा स्थिति का जायजा लेने के बाद वापस नये सिरे से बंद कर दिया गया। पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर के नीचे एक तहखाना बनाया गया है। इसमें भगवान को अर्पित स्वर्ण, रत्न, आभूषण और अन्य कीमती सामग्री का भंडारण किया गया है। इसे ‘रत्न भंडार’ कहते हैं। आज 1978 के बाद पहली बार इस ‘रत्न भंडार’ के द्वार खोले गये हैं। इसका मकसद अंदर मौजूद सामग्री और भंडार के ढांचे का आॅडिट करना है।
आज आंतरिक रत्न भंडार के 03 ताले तोड़े गये
बाहरी रत्न भंडार के सभी आभूषण, गहने और अन्य कीमती सामान आज अस्थायी स्ट्रॉन्ग रूम में स्थानांतरित कर दिये गये। आज आंतरिक रत्न भंडार के 03 ताले तोड़े गये और अधिकृत समिति के सदस्य उसके अंदर प्रवेश किये। उन्होंने आभूषणों से भरे बक्से और अलमारियां देखीं, लेकिन सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आभूषणों को किसी अन्य तिथि पर निर्दिष्ट स्ट्रॉन्ग रूम में स्थानांतरित कर दिया जाये। इसके बाद एएसआई बाहरी और भीतरी रत्न भंडार दोनों का आवश्यक नवीनीकरण कार्य करेगा। एएसआई नवीकरण के बाद, आभूषण और कीमती सामान इनर (आंतरिक) रत्न भंडार में स्थानांतरित कर दिये जायेंगे और ‘गणति मानती‘ (इन्वेंटोराइजेशन) केवल इनर भंडार के अंदर ही किया जायेगा। शनिवार को ओडिशा सरकार ने भंडार में संग्रहीत आभूषणों सहित कीमती सामानों की सूची बनाने के बाद ‘रत्न भंडार’ खोलने की मंजूरी दी थी।