Jharkhand (झारखंड) में रांची लोकसभा अंतर्गत काके विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक समरी लाल का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है। राज्य में कल्याण सचिव की अध्यक्षता में गठित जाति छानबीन समिति ने सुरेश बैठा की शिकायत की जांच के बाद लाल को 31 अक्तूबर 2009 को राज्य सरकार द्वारा निर्गत अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश दिया है। लाल को आदेश की प्रतिलिपि सूचनार्थ भेज दी गई है।
झारखंड के स्थायी निवासी या रैयत नहीं
जांच में समिति ने पाया कि समरी लाल झारखंड के स्थायी निवासी या रैयत नहीं हैं। श्री लाल अपने पिता के राजस्थान से माइग्रेट कर झारखंड आने के आरोप को भी गलत साबित नहीं कर सके। समिति ने लाल को राज्य से एससी प्रमाण पत्र निर्गत करने के पूर्व भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा निर्गत आदेश के आलोक में प्रवासी होने के संबंध में छानबीन की। जब उनके पिता के पैतृक राज्य से निर्गत जाति प्रमाण पत्र की जांच की गई, तो पाया गया कि वहां से एससी के लिए निर्धारित प्रपत्र में माइग्रेटेड श्रेणी का जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हुआ है। गृह मंत्रालय के आदेश का उल्लंघन कर झारखंड में जाति प्रमाण पत्र दिया गया है। समिति ने कहा है कि समरी लाल के पूर्वज मूलत: राजस्थान के स्थायी निवासी थे। रोजगार की तलाश में वह झारखंड आए थे। लाल को झारखंड का एससी प्रमाण पत्र निर्गत करते समय गहन जांच करनी चाहिए थी। समरी के पिता झारखंड के स्थायी निवासी नहीं थे।