New Delhi news : नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में तीसरी बार एनडीए की सरकार बन गयी है। इस बार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी कैबिनेट में जगह दी गई है। नड्डा की कैबिनेट में वापसी के बाद बीजेपी नेतृत्व में बदलाव की चर्चा भी तेज हो गयी है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि नड्डा की जगह कौन अध्यक्ष बनेगा। इस रेस में दो नाम सबसे आगे चल रहे थे। पहला धर्मेंद्र प्रधान और दूसरा शिवराज सिंह चौहान, लेकिन इन दोनों को मोदी कैबिनेट में जगह मिल गई है। अब इन दोनों नेताओं का अध्यक्ष बनाना नामुकिन है। धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा से हैं। उन्होंने 1983 में अपनी राजनीति की शुरुआत एबीवीपी से की थी। हालांकि, अब ओडिशा में बीजेपी की सरकार बन गयी है और प्रधान को कैबिनेट में शामिल किया गया है इससे तय हो गया है कि वे इस रेस से बाहर हैं।
विनोद तावड़े रेस में सबसे आगे
इस तरह से मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह का नाम भी रेस में था। लेकिन, उन्हें भी मोदी कैबिनेट में जगह दे दी गयी। उन्हें कृषि मंत्रालय दिया गया है। इसके बाद वे भी रेस से बाहर हो चुके हैं। अब बीजेपी के अध्यक्ष पद के लिए चार और नामों को रेस में आगे माना जा रहा है। इनमें एक नाम विनोद तावड़े का भी है। तावड़े बीजेपी के महासचिव हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके तावड़े को बीएल संतोष के बाद सबसे ज्यादा प्रभावशाली महासचिव माना जाता है। वे मराठी हैं। इस साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी हैं, इसके बाद तावड़े इस रेस में आगे माने जा रहे हैं।
इनके सिर भी सज सकता है ताज
दूसरा नाम बीजेपी ओबीसी मोर्चा चीफ के लक्ष्मण का भी है। लक्ष्मण तेलंगाना से आते हैं। ये वहीं राज्य है, जहां बीजेपी आंध्र प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है। बीजेपी अध्यक्ष की रेस में सुनील बंसल का नाम भी शामिल है, जो वर्तमान में महासचिव हैं। साथ ही, वह पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और ओड़िशा जैसे तीन राज्यों के इंचार्ज भी हैं। बताया जा रहा हैं कि राजस्थान से राज्यसभा सदस्य और भैरों सिंह शेखावत के शिष्य ओम माथुर भी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं। माथुर को चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ अपनी बात कहने के लिए जाना जाता है। वह संघ के प्रचारक रहे हैं और पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के प्रभारी भी रह चुके हैं।