उत्तर प्रदेश की औरैया जिला पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। उसने 24 साल से फरार बीहड़ के डकैत छेदा सिंह उर्फ छिद्दा को गिरफ्तार कर लिया है। छेदा सिंह लालाराम गैंग का मुख्य सदस्य था। उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। सरकार में उस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी रखा था। वह मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शुमार था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दुर्दांत अपराधी छेदा सिंह के पास से फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, कार्ड पैन कार्ड और अन्य कागजात भी बरामद कर लिया है। बता दें कि इन दिनों उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को अपराध मुक्त बनाने के लिए अपराधियों की धरपकड़ में तेजी से जुटी हुई है। इसी क्रम में कुख्यात छेदा सिंह की गिरफ्तारी हुई है।
छेदा सिंह बृजमोहन दास बनकर चित्रकूट में रह रहा था
औरैया के पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा व अपर पुलिस अधीक्षक शिष्यपाल के निर्देशन में जनपद में कानून व्यवस्था नियंत्रण के लिए वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है। क्षेत्राधिकारी अजीतमल प्रदीप कुमार के निकट पर्यवेक्षण में थाना अयाना पुलिस द्वारा रविवार को मुखबिर की सूचना पर विगत 24 वर्षों से वांछित शासन द्वारा घोषित 50 हजार रुपये के मोस्ट वांटेड इनामिया अभियुक्त छेदा सिंह उर्फ छिद्दा पुत्र अजब सिंह निवासी ग्राम भासौंन थाना अयाना को उसके घर से ही गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। गिरफ्तार अभियुक्त के पास से बृजमोहन दास पुत्र रामबालक दास निवासी चित्रकूट के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड तथा राशन कार्ड भी बरामद हुये है।
चित्रकूट में साधु बनकर कर रहा था जीवन यापन
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त छेदा सिंह उर्फ छिद्दा निवासी भासौन ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह लालाराम गैंग का सक्रिय सदस्य था। इस गैंग के साथ मिलकर उसने दर्जनों फिरौती हेतु अपहरण तथा लूट की घटनाएं की हैं। वर्ष 1998 में गैंग के साथ मिलकर थाना अयाना क्षेत्र के जसवंतपुर गांव के चार लोगों का अपहरण किया था। ईसमें कुछ लोगों को फिरौती लेकर छोड़ा गया था तथा एक अपहर्ता को पुलिस ने मुठभेंड के दौरान छुड़वाया था। इसी मुकदमें में वह वांछित चल रहा था। जिसके बाद धीरे-धीरे जब गैंग समाप्त होने लगा तो पिछले 15-20 सालों से मैं अपना नाम पता बदलकर चित्रकूट में बाबा बनकर रह रहा था।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
छेदा सिंह को गिरफ्तार करने में थानाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिंह, उपनिरीक्षक शम्भूदयाल, हरिहर सिंह, कांस्टेबल आलोक कुमार, ओमकार, रोहित तोमर, सतेन्द्र सिंह, ओमप्रताप सिंह थाना अयाना आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।