केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों बैरकपुर सांसद अर्जुन सिंह को दी गई जेड प्लस सुरक्षा छीन ली थी। सुरक्षा छीने जाने से सांसद अर्जुन सिंह काफी परेशान हैं। इस मामले को लेकर उन्होंने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय से जवाब मांगा है कि अर्जुन सिंह की सुरक्षा वापस क्यों ली गई। क्या उन्हें अब कोई खतरा नहीं है। गौरतलब है कि अर्जुन सिंह भाजपा के टिकट पर बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। लेकिन एक महीना पहले वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे। इसके इसके बाद गृह मंत्रालय ने उनको दी गई जेड प्लस सुरक्षा वापस ले ली।
अर्जुन के अधिवक्ता बोले-अभी भी अर्जुन भाजपा में
सुरक्षा छीने जाने के बाद गुरुवार को उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य ने अर्जुन सिंह की सुरक्षा वापस लेने का कारण बताने के निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिया हैं। अर्जुन सिंह के अधिवक्ता सप्तांशु बसु ने कहा कि अर्जुन सिंह अभी भाजपा में ही हैं। वह कुछ तृणमूल नेताओं से मिले जरूर थे, लेकिन कागजी तौर पर वह भाजपा के सांसद हैं और उन्हें सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को उन्हें गृह मंत्रालय का नोटिस दिया गया और 6 जुलाई को जेड कैटेगरी की सुरक्षा हटा ली गई। ऐसा करना जनप्रतिनिधि की सुरक्षा से खिलवाड़ है।
गृह मंत्रालय के अधिवक्ता ने कहा-राज्य सरकार ने सुरक्षा छीन ली थी इसलिए केंद्र ने दी थी अर्जुन को सुरक्षा
हाईकोर्ट में अर्जुन सिंह के वकील द्वारा दिए गए दलील पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिवक्ता बिलबदल भट्टाचार्य ने कोर्ट को बताया कि राज्य के जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा देने का काम राज्य सरकार का है। परिस्थिति का जायजा लेने के बाद केंद्र सरकार ही सुरक्षा देती है। राज्य सरकार ने सुरक्षा वापस ले ली थी, इसलिए केंद्र सरकार ने सुरक्षा दी थी। फिलहाल उनके खिलाफ किसी भी तरह की सुरक्षा चुनौती सामने नहीं आई है, इसलिए सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति ने सांसद अर्जुन सिंह को धमकी दी थी, वह फिलहाल जेल में है। इस पर जज ने पूछा कि इसका मतलब है कि अर्जुन सिंह पर अब कोई खतरा नहीं है। इसके जवाब में राज्य की तरफ से अधिवक्ता अनिर्वाण राय ने कहा कि अर्जुन सिंह की सुरक्षा क्यों हटाई गई है इस बारे में केंद्र सरकार को जवाब देनी चाहिए।
20 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि खतरा है या नहीं, यह देखकर ही सुरक्षा देने अथवा नहीं देने के बारे में निर्णय लिया जाता है। बावजूद इसके केंद्र सरकार लिखित में अपनी रिपोर्ट जमा करें। इस मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। तब तक केंद्र सरकार रिपोर्ट जमा करनी है और इसी बीच राज्य सरकार को अर्जुन सिंह की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।