Indian Railway अपने यात्रियों के लिए नियमित रूप से सतत और सतर्क रहता है ट्रेन सफर को आरामदायक बनाने के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए रेलवे नई नई तकनीक का भी सहारा लेता है रेलवे में LHB यानी लिंक हाफ मैनबुश तकनीक से ट्रेन का सफर तो आरामदायक बनता ही है,यात्रियों की सुरक्षा भी मजबूत होती है।
पूरी तरह से सुरक्षित हैं ये बोगियां
यह देखने में आ रहा है कि लंबी दूरी की ट्रेनों को एलएचबी तकनीक से चलाने के बाद अब छोटी दूरी की ट्रेनों को भी इसी तकनीक से चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। एलएचबी रेक से चलने से जहां यात्रा आरामदायक होती है, वहीं ट्रेन के पटरी से उतरने और एक कोच के दूसरे पर चढ़ने की आशंका न के बराबर होती है। ये बोगियां रेल संचलन में सुरक्षित होती हैं। दूसरे, इन बोगियों में सामान्य की तुलना में सीटें भी ज्यादा होती हैं।
नार्थ ईस्टर्न रेलवे 41 ट्रेनों में इसका यूज
नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे से लंबीदूरी की अलग-अलग रूटों पर चलने वाली 43 ट्रेनों में 41 एलएचबी रेक से चलने लगी हैं। बची हुई गोरखपुर से कोलकाता और गोरखपुर से हटिया की गाड़ियां भी जून से एचएलबी कर दी जाएंगी। इसके बाद से छोटी दूरी की ट्रेनें जैसे गोरखपुर से पाटलिपुत्र, गोरखपुर से लखनऊ कृषक, गोरखपुर से गोमतीनगर एक्सप्रेस को एलएचबी रेक से चलाया जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है। गोरखपुर वर्कशॉप में सामान्य बोगियों के साथ-साथ एलएचबी बोगियों की भी मरम्मत हो रही है।
25 छोटे रूप की ट्रेनों में भी इस्तेमाल
लखनऊ-इज्ज्तनगर और वाराणसी मंडल की छोटी रूट की 25 ट्रेनें अगले डेढ़ साल के अंदर एलएचबी रेक से चलाई जाएंगी। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। रेक की उपलब्धता होते ही इन ट्रेनों के पारंपरिक कोच हटाकर एलएचबी कोच लगा दिए जाएंगे।
एलएचबी कोच की खूबियां
● अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित, दुर्घटना का खतरा कम।
● बड़ी संख्या में व अच्छी क्वालिटी के स्प्रिंग व सॉकर लगे हैं, जिससे जरा-सा भी झटका महसूस नहीं होगा।
● कोच के बाहर की बॉडी स्टील तथा अंदर की एल्युमीनियम की बनी हुई है।
● आग से भी पूरी तरह सुरक्षित।
● सामान्य वातानुकूलित कोच की अपेक्षा ज्यादा कूलिंग होती है।