पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद मेनका गांधी की पहल पर जंजीरों में बंधे दो भालुओं को नया जीवन मिल गया है। दोनों को बोकारो के नावाडीह के पारसबनी गांव में जंजीर के सहारे पेड़ से बांधकर रखा गया था। इस बाबत बिरसा जैविक उद्यान रांची के चिकित्सक डॉक्टर ओम प्रकाश साहू ने बताया कि दोनों भालुओं का रेस्क्यू कर लिया गया है। दोनों को अलग-अलग केज में क्वारंटाइन कर दिया गया है। सोमवार को स्वास्थ्य जांच के बाद पता चलेगा कि इनकी आयु कितनी है। उन्होंने कहा कि दोनों सुरक्षित हैं। रांची लाते वक्त रास्ते में दोनों को केला, तरबूज और शहद दिया गया।
टीम के पहुंचने के बाद गायब हो गया मदारी
आपको बता दें कि मेनका गांधी की संस्था पीपुल फॉर एनिमल की टीम को जानकारी मिली थी कि कोई मदारी दो भालुओं को लेकर घूम रहा है। इसकी जानकारी वन विभाग और स्थानीय पुलिस को दी गई। लेकिन शनिवार शाम जब पीपुल फॉर एनिमल की टीम पारसबनी गांव पहुंची तो मदारी गायब मिला। बोकारो में वन विभाग की ट्रेंड रेस्क्यू टीम नहीं होने की वजह से दोनों भालू रात भर पेड़ से बंधे रहे। क्योंकि बोकारो में केज उपलब्ध नहीं था। वन विभाग के शीर्ष पदाधिकारियों तक जब यह मामला पहुंचा, तब रविवार को बिरसा जैविक उद्यान रांची से एक टीम रेस्क्यू करने के लिए रवाना की गई। यह टीम गांव पहुंची तो दोनों भालुओं का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया और अपने साथ रांची ले गई।