Karnataka (कर्नाटक) सांप्रदायिक उन्माद और सामाजिक कट्टरता का अड्डा बनता जा रहा है। किस दिन कब कहां क्या हो जाए, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। कुछ समय पहले बेंगलुरु के कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। 9 अप्रैल को राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री- सिद्धारमैया, एचडी कुमारस्वामी और प्रसिद्ध साहित्यकार के वीरभद्रप्पा समेत 64 लोगों को सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई है। वायरल हो रहे इस संदेश में लिखा है, “मौत तुम्हारे सिर पर मंडरा रही है, मरने के लिए तैयार रहो”। संदेश देने वाले शख्स ने खुद को सहिष्ना हिंदू (सहिष्णु हिंदू) बताया है।
अपने संदेश में शख्स ने लिखा है- “तुम विनाश के पथ पर हो। मौत तुम्हारे बहुत करीब है। अब तैयार रहो। मौत किसी भी रूप में तुम्हे चौंका सकती है। अपने परिवार के सदस्यों को सूचित करें और अपने अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर लो।”
कुमारस्वामी ने कहा, ऐसे धमकियों को हल्के में न ले सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सरकार को इस तरह की धमकियों को हल्के में नहीं लेने की चेतावनी दी है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा से प्रगतिशील विचारक और लेखक के. वीरभद्रप्पा और राज्य में “सांप्रदायिक ध्रुवीकरण” पर सरकार की चुप्पी का विरोध करने वाले अन्य लेखकों को भी सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया है। प्रसिद्ध कार्यकर्ता और लेखक प्रो. एम.एम. ने कहा कि विकास ने राज्य में चिंता पैदा कर दी है। अदालत के फैसले के खिलाफ हिजाब विवाद और मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद, हिंदू संगठनों ने मंदिरों में मुस्लिम व्यापारियों, हलाल मांस, मुस्लिम मूर्तिकारों, आम व्यापारियों और यहां तक कि ड्राइवरों और परिवहन कंपनियों द्वारा बनाई गई मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। विपक्षी कांग्रेस और जद (एस) ने इन घटनाक्रमों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है और आरोप लगाया है कि वह समाज में अशांति पैदा करने के लिए कट्टर हिंदू संगठनों को सहायता और बढ़ावा दे रही है।