National news, RBI guidelines, home loan and car loan, New Delhi update : अगर आप हाउसिंग और कार लोन लेना चाहते हैं तो आपके लिएअच्छी खबर है।भारतीय रिजर्व बैंक अपनी आगामी द्विमासिक समीक्षा में लगातार तीसरी बार प्रमुख ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रख सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिकी फेडरल रिजर्व और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के प्रधान दरों में बढ़ोतरी के बावजूद घरेलू मुद्रास्फीति आरबीआई के सहनशील दायरे में बनी हुई है। आरबीआई ने पिछले साल मई से ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू की थी, हालांकि इस साल फरवरी के बाद से रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर है, जो कि ग्राहकों के हित में है।
10 अगस्त को होगी नीतिगत निर्णय की घोषणा
अप्रैल और जून में हुई पिछली दो द्विमासिक नीति समीक्षाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक आठ से 10 अगस्त को होगी। जिसमें नीतिगत निर्णय की घोषणा 10 अगस्त को रिज़र्व बैंक के गवर्नर करेंगे। अर्थशास्त्र के जानकारों ने उम्मीद जताई है कि आरबीआई दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा। इसका कारण यह है कि मुद्रास्फीति इस समय पांच प्रतिशत से कम चल रही है, लेकिन आने वाले महीनों में महंगाई बढ़ने के साथ इसमें कुछ बढ़ोतरी का जोखिम होगा।
खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर जाने का अनुमान
बहरहाल, घरेलू मुद्रास्फीति का रुख कैसा रहता है, सभी की निगाहें इस बात पर होंगी। अर्थशास्त्रियों के अनुसार सब्जियों की कीमत में उछाल से जुलाई 2023 में सीपीआई या खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर जाने का अनुमान है। ऐसे में रेपो दर पर यथास्थिति बनी रहने के साथ एमपीसी की काफी तीखी टिप्पणी देखने को मिल सकती है।