thumb love between husband and wife, husband wife relation, Fatehpur news, temple, wife lover : कहते हैं प्रेम की कोई सीमा नहीं होती। कोई किससे किस हदतक प्यार करता है, वह उससे उसके भावनात्मक जुड़ाव को रेखांकित करता है। हीर-रांझा, लैला-मजनू, शीरी-फरहाद के प्यार के किस्से मशहूर हैं। शाहजहां ने तो मुमताज की याद में ताजमहल ही बनवा डाला। प्रेम के ऐसे दीवाने आज भी कई हैं, कुछ के किस्से मशहूर हो जाते हैं तो कुछ के दफन। आज हम आपको लेकर चलते हैं फतेहपुर और मिलवाते हैं उनसे, जिन्होंने अपनी पत्नी की याद में मंदिर बनवा डाला और करते हैं उसकी पूजा…
जी हां, रामसेवक है इनका नाम, काम पत्नी का गुणगान
फतेहपुर जिले में देवमयी विकास खंड के पधारा निवासी रामसेवक रैदास के अनुसार उनकी पत्नी पतिव्रता, अतिथियों का आदर और सही तरीके से बच्चों की परवरिश करनेवाली थी। ऐसे में उन्हें उनसे अटूट प्रेम था। इस बीच मई 2020 में जब पत्नी उनसे सदा के लिए बिछुड़ गई और जब उनकी यादें उन्हें सताने लगी तो उन्होंने उनकी याद में एक मंदिर की स्थापना कर दी। बतौर रामसेवक, जब शाहजहां अपनी पत्नी के प्रेम में ताजमहल बनवा सकता है तो मैं मंदिर तो बनवा ही सकता हूं। वे रोज सुबह शाम मंदिर में पूजा करते हैं। ऐसे में उन्हें महसूस होता है वह हमेशा उनके पास रहती है। उसका प्रेम मुझे महसूस होता है।
लोगों का काम है कहना
रामसेवक पहले सीजनल अमीन थे। बाद में 2015 में स्थाई अमीन हो गए। जब उनकी पत्नी उनसे दूर चली गई तो गांव में ही 18 बिस्वा जमीन में से तीन बिस्वा में एक किनारे मंदिर बनवा दिया। इसके बाद राजस्थान के मकराना से संगमरमर की मूर्ति बनवाकर ले आया। पूरे विधि विधान से शोभा यात्रा निकाल कर मूर्ति की स्थापना कर दी। यह सब गांववालों ने ताने भी मारे, परंतु वे अपनी धुन में मग्न रहे। उसने किसी की बात पर ध्यान नहीं दिया। उनका कहना है, कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।