Mafia Mukhtar Ansari laid to rest amid heavy security, only family allowed to bury him, Gazipur news, up news, Uttar Pradesh : माफिया मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में शनिवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया। प्रशासन द्वारा सिर्फ परिवार के लोगों को ही मिट्टी देने की इजाजत दी गयी। माफिया डॉन मुख्तार की गुरुवार को मौत हो गयी थी। मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है। मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर और मऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है। पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दिया है।
लोगों को कब्रिस्तान के अंदर नहीं जाने दिया
मुख्तार के जनाजे में शनिवार को समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली। हालांकि, बाहर से आये लोगों को कब्रिस्तान के अंदर नहीं जाने दिया गया। मौके पर डीएम सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे और लोगों को कब्रिस्तान के अंदर जाने से रोका गया। हत्या, रंगदारी जैसे कई अपराधों में दोषी मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था। मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक राजनीतिक परिवार की है।
17 साल से ज्यादा जेल में समय बिताया
17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद रहे मुख्तार के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे। गांधी जी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया था। इसके पहले माफिया अंसारी का जनाजा कब्रिस्तान पहुंचा। तब भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने खुद हाथ में माइक ले ली और लोगों से पीछे हटने की अपील करते रहे, साथ ही यह सूचना देते रहे कि कब्रिस्तान के अंदर सिर्फ परिवार को जाने की अनुमति है।
मुख्तार की कब्र पिता व मां की कब्र के पास खोदी गयी
हालांकि, कुछ लोगों ने दीवार फांदने की कोशिश भी की। मुख्तार अंसारी की कब्र उनके पिता व मां की कब्र के समीप खोदी गयी। सुरक्षा के लिहाज से कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती रही। इससे पहले मुख्तार अंसारी का शव एम्बुलेंस से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचा गाजीपुर पहुंचा। कब्रिस्तान के बाहर पुलिस का सख्त पहरा रहा। समर्थकों ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर जनाजे के लिए रास्ता बनाया।