Maharashtra News : कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद फिर राज्यसभा के सदस्य नहीं बने तो कांग्रेस बुरी हो गई। वह गुलामी की जंजीरें तोड़कर आजाद हो गए। अब जो करें, उनकी मर्जी। आगे की खबर यह है कि BJP के दिग्गज नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी न केवल बेस्ट परफॉर्मर मिनिस्टर माने जाते हैं, बल्कि वैचारिक रूप से भी वह बड़े तगड़े हैं। हाल में जब उन्होंने आज की राजनीति की सच्चाई और सत्ता के चरित्र पर कुछ बेबाक टिप्पणी की तो उन्हें उन्हें यह नहीं मालूम था इससे मोदी जी ही नहीं, RSS भी नाराज हो जाएगा। इसके बाद महत्व की दृष्टि से उनके कई-कई पर कतरे गए। अब पता नहीं क्यों लोगों में या चर्चा गर्म हो गई कि कहीं गडकरी जी बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में तो नहीं जाएंगे। गडकरी जी ने इसका पुरजोर विरोध किया है।
‘कुएं में कूद जाएंगे,लेकिन कांग्रेस में नहीं जाएंगे’
गडकरी जी ने कहा, कांग्रेस में जाने से अच्छा कुएं में कूदना पसंद करेंगे, क्योंकि उनकी विचारधारा कांग्रेस से मेल नहीं खाती है। गडकरी ने यह बात नागपुर में उद्यमियों के एक सम्मेलन में कही। गडकरी ने बताया कि उनके बचपन के दोस्त और कांग्रेस के नेता श्रीकांत जिचकर ने मुझे सलाह दी थी कि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ जाऊं। यह उस दौर की बात है, जब मैं छात्र नेता था और भाजपा हार जाती थी।
मानवीय संबंध अहम
गडकरी बोले- जब आपको सफलता मिलती है और उसकी खुशी आपको अकेले होती है तो फिर उसका कोई मतलब नहीं है। यदि आपको मिली सफलता की खुशी आपके साथ काम करने वाले लोगों को भी होती है तो फिर यह अच्छी होती है। कारोबार हो या राजनीति दोनों में मानवीय संबंध अहम हैं। कैसे भी हालात हों, किसी को इस्तेमाल करके फेंकना नहीं चाहिए।
हारने से कोई व्यक्ति खत्म नहीं होता
उन्होंने रिचर्ड निक्सन की एक बात का जिक्र करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति हारने से खत्म नहीं होता, लेकिन मैदान छोड़ने से खत्म हो जाता है। हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि अहंकार और आत्मविश्वास में क्या फर्क होता है। किसी को भी इस्तेमाल करो फेंक की दौड़ में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामे रहें।