अब ना धुलेगा मांग का सिंदूर, ना तोड़ी जाएंगी चूड़ियां, ना निकलेगा मंगलसूत्र, विधवा प्रथा अब बंद हो जाएगी। यह फैसला महाराष्ट्र सरकार ने लिया है। यह कदम महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए उठाया गया है। इसे लेकर सरकार ने सर्कुलर जारी किया है। दरअसल, कोल्हापुर जिले में हेरवाड़ ग्राम पंचायत के विधवा प्रथा को रोकने के निर्णय को महाराष्ट्र सरकार ने पूरे राज्य में लागू करने का फैसला किया है। हेरवाड़ ग्राम पंचायत के विचार के अनुसार काम करने के लिए एक सरकारी परिपत्र जारी किया गया है। अब सभी ग्राम पंचायत इसे लागू करेंगी।
ग्रामसभा ने इसे खत्म करने की शुरुआत की थी।
महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री हसन मुश्रीफ ने एक बयान में कहा कि भारत एक वैज्ञानिक और प्रगतिशील समाज है, पति की मृत्यु के बाद भी महिलाओं के चूड़ियां तोड़ने, माथे से ‘कुमकुम’ (सिंदूर) पोंछने और विधवा के मंगलसूत्र को हटाने की प्रथा ग्रामीण महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में चल रही थी। इसलिए निर्णय में ऐसी प्रथाओं को रोकने का फैसला लिया गया है। कोल्हापुर जिले में हेरवाड़ ग्राम पंचायत की ग्राम विकास अधिकारी पल्लवी कोलेकर और सरपंच सुरगोंडा पाटिल और उनकी ग्रामसभा ने इसे खत्म करने के लिए सबसे पहले शुरुआत की थी। सरकार ने 17 मई, 2022 को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें सभी ग्राम पंचायतों को विधवा होने के पुराने रिवाजों से छुटकारा पाने की अपील की गई।