Bihar (बिहार) की राजधानी पटना में आपसी सौहार्द और भाईचारे की एक मिसाल देखने को मिली। 01 मई को पटना के हनुमान मंदिर ने अजान के वक्त अपने लाउडस्पीकर बंद दिए। मस्जिद और मंदिर के बीच की दूरी 50 मीटर है। एक-दूसरे के प्रति सम्मान दर्शाते हुए मस्जिद ने मंदिर में आने वाले भक्तों का ख्याल रखा। यह नजारा ऐसे समय पर देखने को मिला है, जब सूबे में लाउडस्पीकर को लेकर चर्चा जोरो पर है।
भाजपा और जदयू में अलग-अलग राय
बीजेपी बिहार में यूपी की तरह लाउडस्पीकर हटाने की मांग कर रही है। नीतीश सरकार में मंत्री जनक राम ने मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने मस्जिद से लाउडस्पीकर के जरिए आने वाली तेज अजान पर रोक लगाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जब होली, दिवाली पर डीजे और तेज गति वाले वाहन पर रोक लग सकती है तो मस्जिदों के लाउडस्पीकर से तेज आवाज में आने वाली अजान पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। मंत्री का कहना था कि जनप्रतिनिधि होने के नाते मुझे इसकी शिकायत मिलती रहती है।
किसी धर्म में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय इससे बिलकुल उलट है। उनका कहना है कि हमारे विचार से सभी वाकिफ हैं। हम कभी किसी भी धर्म में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करते हैं। इससे पहले उन्होंने लाउडस्पीकर हटाने की बात को फालतू बताया था। उन्होंने कहा था कि बिहार में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटाए जाने की बात का कोई मतलब नहीं है। सभी को अपना धर्म मानने का पूरा अधिकार है।