साल 2006 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था। इसमें 20 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी और 100 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। 16 वर्षों के बाद इस बम धमाके के मास्टरमाइंड वलीउल्लाह खान को गाजियाबाद की एक अदालत ने 6 जून को सजा-ए-मौत दी यानी मृत्युदंड। कैपिटल पनिशमेंट। संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सात मार्च 2006 कई धमाके किए गए थे।
दो मामलों में दोषी था वलीउल्लाह
जिला सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने वलीउल्लाह को दो मामलों में दोषी ठहराया था। प्रयागराज का निवासी वलीउल्लाह एक मुफ्ती था। वाराणसी के वकीलों ने उसका मामला लड़ने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसका केस गाजियाबाद स्थानान्तिरित किया गया था। तभी से केस की सुनवाई गाजियाबाद स्थित जिला जज की कोर्ट में चल रही थी।
4 जून को ठहराया गया था दोषी
इससे पहले 4 जून को गाजियाबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने वलीउल्लाह को दोषी ठहराया था। इससे पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में 23 मई को वाराणसी बम कांड में सुनवाई हुई थी। सुनवाई शुरू होने से पहले आरोपी वलीउल्लाह को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसले के लिए 4 जून की तारीख नियत की गई थी।