पश्चिम बंगाल में शानदार प्रदर्शन के बाद देश के दूसरे राज्यों में सांगठनिक तौर पर पैर पसारने में जुटी तृणमूल कांग्रेस के पांच विधायकों के मेघालय में दूसरी पार्टियों के संपर्क में होने की खबरों के बीच तृणमूल कांग्रेस के कान खड़े हो गए हैं। आरती पूरी तरह से सतर्क हो गई है। पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने मेघालय विधानसभा में तृणमूल के नेता और हाल ही में पार्टी में शामिल हुए मुकुल संगमा को कोलकाता बुलाया है। बता दें कि गत बुधवार को ही असम के गुवाहाटी दौरे पर पहुंचे अभिषेक बनर्जी ने वहां संबोधन करते हुए दावा किया था कि उनकी पार्टी अगले एक साल में मेघालय में सरकार बनाएगी।
टीएमसी के पास विधायक क्षेत्रीय पार्टी के संपर्क
खबर है कि तृणमूल के पांच विधायक सितलंग पाले, जिमी डी संगमा, हिमालय सांगपिलियंग, मार्थन संगमा और जॉर्ज बी लिंगदोह क्षेत्रीय पार्टी के संपर्क में हैं और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। अगर ऐसा हुआ तो तृणमूल कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी नहीं रह पाएगी और वहां सरकार बनाने का पार्टी का सपना भी टूट सकता है, इसलिए अभिषेक बनर्जी ने मुकुल संगमा को कोलकाता बुलाया है। हालांकि दोनों के बीच बैठक कब होगी इस बारे में तारीख अभी तय नहीं की गई है।
11 विधायक शामिल हुए थे टीएमसी में
नवंबर 2021 में मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मुकुल संगमा तृणमूल में शामिल हो गए थे। इसके अलावा वहां 17 कांग्रेस विधायकों में से 11 भी संगमा के साथ तृणमूल के सदस्य बन गए थे। नतीजतन तृणमूल इस पूर्वोत्तर राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बन गई थी। दरअसल अभिषेक बनर्जी त्रिपुरा और मेघालय में पार्टी की जड़ें हर हाल में मजबूत करना चाहते हैं ताकि कम से कम पूर्वोत्तर राज्यों में तृणमूल कांग्रेस सबसे मजबूत ताकत के रूप में उबरे। कांग्रेस की जगह खुद को विकल्प के तौर पर पेश करने के लिए पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही और इसकी जिम्मेवारी अभिषेक बनर्जी को दी गई है।