• ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का है हिस्सा
New Delhi news: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर (पूसा) में पौधारोपण किया। इस मौके पर केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मंत्रालय 01 एकड़ भूमि में ‘मातृ वन’ स्थापित करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 05 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वैश्विक अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ का शुभारम्भ किया था। उनके संकल्प को सुनिश्चित करने के लिए आज केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जन आन्दोलन के रूप में इस अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित लोगों व छात्रों को वृक्षारोपण कर अपनी मां और धरती मां के प्रति सम्मान प्रकट करने का आह्वान किया।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इस दौरान बताया कि देशभर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सभी अधीनस्थ कार्यालय, आईसीएआर संस्थान, सीएयू, केवीके और एसएयू भी अपने-अपने स्थानों पर इसी तरह का वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत 800 से अधिक संस्थानों ने भाग लिया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस दौरान 3000-4000 पौधे लगाये जायेंगे।
जून 2024 को असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य से हुई है वृक्षारोपण गतिविधि शुरू
कृषि मंत्रालय ने एक जारी बयान में कहा है कि वैश्विक अभियान के हिस्से के रूप में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहा है कि सितम्बर 2024 तक देशभर में 80 करोड़ पौधे और मार्च 2025 तक 140 करोड़ पौधे लगाये जायें। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 20 जून 2024 को असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में वृक्षारोपण गतिविधि शुरू की, जिसमें व्यक्तियों ने अपनी माताओं के सम्मान में पेड़ लगायें। पेड़ लगाने से सरकार द्वारा शुरू किये गये मिशन लाइफ के उद्देश्य को भी पूरा किया जाता है जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली का एक जन आन्दोलन है।
कृषि मंत्रालय के मुताबिक कृषि में, पेड़ उगाना टिकाऊ खेती को प्राप्त करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है। पेड़ मिट्टी, पानी की गुणवत्ता में सुधार करके और जैव विविधता को बढ़ा कर कृषि उत्पादकता में सुधार करने में मदद करते हैं। पेड़ किसानों को लकड़ी और गैर-लकड़ी उत्पादों से अतिरिक्त आय का स्रोत भी प्रदान करते हैं। अभियान में भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण को रोकने और उलटने की अपार क्षमता है।