MP News, Jabalpur, Maharashtra BJP Woman Leader Canme & Missing For 6 Days : महाराष्ट्र भाजपा की नेत्री सना उर्फ हिना खान महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश के जबलपुर आईं और पिछले 7 दिनों से वह गायब बताई जा रही हैं। इस खबर के फैलते ही पुलिस विभाग और राजनैतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। संधि महाराष्ट्र भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की महामंत्री हैं। बताया जा रहा है कि जबलपुर के गोरा बाजार में रहने वाले अमित साहू नाम के शख्स के साथ सना खान की दोस्ती है। वह उसी से मिलने के लिए यहां आई थीं। दोनों की मुलाकात हुई और विवाद भी हुआ, जिसके बाद से सना खान का पता नहीं चल रहा है।
नागपुर से 1 अगस्त को निकली थीं
जानकारी के मुताबिक सना खान बीते 1 अगस्त को नागपुर से जबलपुर के लिए निकली थीं। 2 अगस्त की सुबह जबलपुर पहुंची थीं। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी मां को फोन पर जबलपुर पहुंचने की जानकारी दी और गोराबाजार थाना अंतर्गत राजुल टाउन में रहने वाले अमित साहू से मिलने पहुंच गईं। अमित से मुलाकात के दौरान उनके बीच में विवाद हुआ और फिर इसके बाद सना को ना तो किसी ने देखा और ना ही आज तक उनसे किसी की कोई बात हुई।
ढाबा संचालक से मिलने आई थीं सना
सना के गायब होने के बाद 7 दिनों से जबलपुर और नागपुर पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। जबलपुर के गोराबाजार थाना पहुंचे सना के परिजनों का कहना है कि सना और अमित के बीच काफी समय से दोस्ती है। करीब चार महीने पहले दोनों ने शादी कर ली थी, लेकिन उनके बीच विवाद हो गया। इसी विवाद के चलते सना अमित से मिलने के लिए जबलपुर पहुंची थीं। सना की मां ने अमित साहू के मोबाइल पर बात की थी, तब अमित ने बताया था कि सना के साथ उसका विवाद हुआ, मारपीट भी हुई। इसके बाद सना चली गई। सूत्रों के मुताबिक अमित साहू एक ढाबा चलाता है।
पहले से शादीशुदा है अमित साहू
मीडिया में सूत्रों के माध्यम से या बताया गया है कि अमित साहू के साथ सना की फोन पर भी लड़ाई होती रहती थी। दोनों के बीच दोस्ती की जानकारी जब अमित साहू की पत्नी को मिली, तो उनके गृहस्थ जीवन में कलह शुरू हो गई और इस वजह से अमित और सना के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। सना और अमित के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए 50 लाख रुपए में सौदा तय हुआ, लेकिन अमित पैसे देने में भी हीला हवाली करने लगा और इन्हीं पैसों के लेनदेन के लिए सना जबलपुर पहुंची थी। आशंका जताई जा रही है कि सना की हत्या कर उसके शव को नदी में फेंक दिया गया। बहरहाल परिजन जबलपुर पुलिस पर मामले को गंभीरता से ना लेने के आरोप लगा रहे हैं, वहीं पुलिस अधिकारी इस मामले में सामने आकर बात करने के लिए तैयार भी नहीं हैं, जिससे मामला पेचीदा हो गया है।