शक के आधार पर रविवार की देर रात एक मौलवी साहब को मिर्जापुर स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी ने 8 बच्चों के साथ हिरासत में ले लिया है। पूछताछ के बाद मौलवी साहब ने आरपीएफ और जीआरपी को बताया कि वे सभी बच्चों को कर्नाटक के एक मदरसे में नामांकन कराने ले जा रहे हैं। सभी बच्चे बिहार अंतर्गत अररिया जिले के निवासी बताये जाते हैं।
जीआरपी को प्रमाण पत्र नहीं दिखा सका मौलवी
मिली जानकारी के अनुसार आरपीएफ व जीआरपी की टीम कांवड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर स्टेशन पर गश्त कर रही थी। इसी बीच प्लेटफार्म दो और तीन के एकदम किनारे बिहार के मधोपुर निवासी मौलवी नसरूद्दीन आठ बच्चों को लेकर बैठा था। मौलवी ने बताया कि बिहार के अररिया जिले के अलग-अलग गावों से बच्चों को लेकर कनार्टक मदरसे में पढ़ाने के लिए ले जा रहा है। यह जानकारी बच्चों के अभिभावकों को भी है। जब जीआरपी ने मौलवी से प्रमाण पत्र मांगा तो वह किसी भी तरह का कागजात नहीं दिखा सका। इससे जीआरपी और आरपीएफ का शक बढ़ गया।
रेलवे चाइल्ड लाइन को सुपुर्द किए गए बच्चे
इस मामले को लेकर आरपीएफ प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि मौलवी की बात में कितनी सच्चाई है, जांच की जा रही है। इसके अलावा बच्चों के परिवार से भी संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि वह अररिया जनपद के किस गांव के निवासी हैं। सभी बच्चे आठ, दस और बारह साल के हैं। मौलवी को जीआरपी थाने पर पूछताछ के लिए बैठाया गया है। साथ ही बच्चों को रेलवे चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया। पूछताछ में पता चला कि ये बच्चे बिहार के अररिया जनपद के रहने वाले हैं।