Mutual Funds Tips, Invest Secured Money & Earn More : अगर आपके पास पैसा है तो उसके सुरक्षित इन्वेस्टमेंट से आपको पैसा बनेगा। पैसे से ही पैसा बनता है। बिना पैसे से पैसा आकाश से टपकता नहीं है। इसलिए अपनी कमाई से बचत कर पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करने से आपको कमाई होगी। सामान्य रूप से लोग बैंकों और अन्य निजी संस्थानों में पैसा जमा करते हैं, लेकिन वास्तव में उसकी कमाई बेहद कम होती है। कैपिटल मार्केट में निवेश ऑप्शन को लेकर म्यूच्यूअल फंड्स की अपनी साख होती है। लेकिन, इसमें पैसे लगाने के साथ-साथ निवेशक को धैर्य और उससे संबंधित जानकारियों को पास में रखना जरूरी होता है। कुछ ऐसे टिप्स होते हैं, जिनके माध्यम से निवेशक अपने निवेश को सुरक्षित रखते हुए अच्छी कमाई कर सकते हैं। जानते हैं इन टिप्स को।
जोखिम सहने की क्षमता
निवेश करने के प्रोसेस में यह पहला कदम है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको अपने जोखिम लेने की क्षमता स्तर के आधार पर अपने निवेश उद्देश्यों को साफ पर क्लियर रखना चाहिए। अपने निवेश उद्देश्यों को जानने से आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि आपको कितना निवेश करना है, कितने समय तक निवेश करना है और किस तरह का निवेश करना है। आप अपने लक्ष्यों को तीन कैटेगरियों में डिवाइड कर सकते हैं। शॉर्ट टर्म टार्गेट, मिड टर्म टार्गेट (तीन से पांच साल) और लॉन्ग टर्म टार्गेट (5 साल से अधिक)।
म्यूच्यूअल फंड का रिसर्च करें
अगला कदम है सही म्यूचुअल फंड की तलाश करना, जो आपकी जरूरतों को पूरा करता हो। आप अपने निवेश लक्ष्यों और जोखिम सहने की क्षमता के लिहाज से अलग-अलग म्यूचुअल फंड पर रिसर्च करें। इससे आप प्रोफिट हासिल करने वाला अधिकतम अनुभव हासिल कर सकते हैं। किसी भी म्यूचुअल फंड के प्रॉस्पेक्टस को पढ़ें, जिसमें फंड के निवेश उद्देश्यों, रणनीतियों, जोखिमों और फीस के बारे में जानकारी होती है।
सही म्यूच्यूअल फंड का चयन जरूरी
अपने रिसर्च के आधार पर ऐसा म्यूचुअल फंड चुनें, जिसने लंबी अवधि में अच्छा रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न दिया हो और जिसके पास एक अनुभवी और स्टेबल फंड मैनेजमेंट टीम हो। आपके सामने कई तरह के फंड होंगे, जिनमें स्टॉक फंड, डेब्ट फंड, इंडेक्स फंड और इंटरनेशनल फंड आदि शामिल हैं। इनमें से कोई एक फंड चुनें, जो आपके लिए बेहतर हो। यदि आपका कोई लक्ष्य दो साल में पूरा होने वाला है, तो आपको डेब्ट फंड कैटेगरी में से कोई एक म्यूचुअल फंड चुनना चाहिए।
म्यूच्यूअल फंड निवेश पर नजर
यह देखने के लिए कि म्यूचुअल फंड आपके निवेश उद्देश्यों को पूरा करने हिसाब से परफॉर्म कर रहा है या नहीं, अपने म्यूचुअल फंड निवेश पर नज़र रखें। फंड के परफॉर्मेंस और निवेश से जुड़ी फीस को रेगुलर रिव्यू करें। इसके अलावा, ध्यान रहे कि खराब परफॉर्मेंस कई कारणों से हो सकता है जैसे बाजार की खराब स्थिति या फंड मैनेजर द्वारा गलत स्टॉक या सेक्टर का चुनना आदि।
पोर्टफोलियो को करना होगा रीबैलेंस
आपके म्यूचुअल फंड निवेश का परफॉर्मेंस समय के साथ बदल सकता है, जिसके नतीजे में आपका पोर्टफोलियो असंतुलित हो सकता है। अपने पोर्टफोलियो को समय-समय पर रीबैलेंस करने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि आप डायवर्सिफिकेशन का सही स्तर बनाए हुए हैं। ऐसा रेगुलर आधार पर करने से आपको अपने मनचाहे एसेट एलोकेशन को बरकरार रखने में मदद मिल सकती है।