MP News : मध्यप्रदेश के सागर में स्वास्थ्य संबंधी एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहां एक प्राइवेट स्कूल में बच्चों के लिए वैक्सीनेशन का कैंप लगाया गया था। इस काम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज के छात्रों की ड्यूटी लगाई। इसमें एक थर्ड ईयर का स्टूडेंट भी था। उसने एक के बाद एक 40 बच्चों को एक ही सिरिंज से कोविड वैक्सीन लगा दी। जब एक स्टूडेंट के पिता की नजर इस पर पड़ी, तब जाकर एडमिनिस्ट्रेशन के पास ये मामला पहुंचा। इसके बाद सरकार तुरंत हरकत में आई और टीका अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। यह बताया जा रहा है कि एक ही सिरिंज से 40 बच्चों को वैक्सीन देने से इन बच्चों में भविष्य में हेपेटाइटिस का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस बीच यह सवाल महत्वपूर्ण हो गया है कि आखिर इस तरह की लापरवाही कैसे और क्यों हुई।
कैसे पड़ता है प्रभाव
एक ही सिरिंज का इस्तेमाल वैक्सीन या कोई भी दवा देने के लिए किया जाए तो सबसे ज्यादा खतरा वायरल बीमारियों के फैलने का रहता है। अगर किसी के ब्लड में कोई इंफेक्शन है और उसका खून कहीं न कहीं सिरिंज में रह जाएगा। जैसे ही आप दूसरे व्यक्ति को उसी सिरिंज से वैक्सीन या दवाई देंगे तो उसे भी इंफेक्शन हो जाएगा।
जांच से जानकारी मिलने पर समय पर हो सकता है इलाज
विशेषज्ञ डॉक्टरों की राय में ऐसे सिचुएशन में जानकारी मिलने के बाद आपको तुरंत डॉक्टर को पूरा मामला बताना चाहिए और ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। इससे वायरल बीमारी या ब्लड इंफेक्शन का पता जल्द से जल्द लगाया जा सकता है और इससे इलाज भी समय पर हो पाएगा।