Madhya Pradesh (मध्य प्रदेश) में शिवराज सरकार की शराब नीति के खिलाफ बीजेपी की सीनियर लीडर उमा भारती ने एक शराब दुकान में जमकर तोड़फोड़ की। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दो पन्ने का पत्र लिखकर अपने इस एक्शन को जस्टिफाई करने की कोशिश की। इस लेटर में उमा ने लॉजिक दिया है कि महिलाओं का दर्द सुनने के बाद गुस्से में आकर उन्होंने तोड़फोड़ की है। साथ ही सात दिन में दुकान हटाए जाने की मांग भी की है। उधर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने उमा भारती पर निशाना साधा है।
महिलाओं ने सुनाई थी अपनी पीड़ा
पत्र में उमा ने लिखा है कि बरखेड़ा पठानी में रहने वाली महिलाओं ने उनसे शराब दुकान से परिवार पर पड़ रहे गलत प्रभाव का दर्द बयां किया। इसे सुनकर उन्हें गुस्सा आ गया और पत्थर से शराब की कुछ बोतलों को फोड़ दिया। उमा भारती ने कहाकि जिस दुकान में उन्होंने बोतलें फोड़ीं वह शराब नीति के खिलाफ स्थापित है। इस दुकान के आसपास मंदिर और स्कूल है। शराब पीने के बाद लोग आसपास रहने वाले परिवारों की बच्चियों को छेड़ते हैं। उमा के मुताबिक वहां के लोग उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उसे प्रशासन ने नहीं हटाया। इसलिए उन्होंने रोती हुई महिलाओं के आंसू देखकर गुस्से में पत्थर फेंका।
कांग्रेस ने दोनों पर साधा निशाना
इस मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा और उमा भारती पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा में अंदरूनी घमासान चल रहा है। एक तरफ सरकार शराब सस्ती कर रही है तो दूसरी तरफ सस्ती लोकप्रियता के लिए गुंडागर्दी कर तोड़फोड़ की जा रही है। इसी तरह पीसीसी अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि सरकार ने पत्थरबाजी के खिलाफ कानून बनाया था, वह कहां है। उन्होंने कहा कि कानून में पत्थरबाजी करने वालों से वसूली का प्रावधान है। क्या अब पत्थरबाजी करने वाले से वसूली की जाएगी।