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मुस्लिम विद्वानों, उलेमा और बुद्धिजीवियों ने भारतीय मुसलमानों से कहा- वर्तमान परिस्थितियों से मायूस न हों, हालात का डटकर मुकाबला करें

मुस्लिम विद्वानों, उलेमा और बुद्धिजीवियों ने भारतीय मुसलमानों से कहा- वर्तमान परिस्थितियों से मायूस न हों, हालात का डटकर मुकाबला करें

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ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत (एआईएमएमएण) के आह्वान पर नई दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में देश के वर्तमान हालात पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में बरेली की आला हजरत दरगाह से जुड़े ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के सदर मौलाना तौकीर रजा खान, ऑल इंडिया जमीयत अहले हदीस के अमीर मौलाना असगर अली इमाम सल्फी मेहंदी, जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर इंजीनियर सआदतुल्लाह हुसैनी, महासचिव मोहम्मद अहमद, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष नावेद हामिद, महासचिव मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी आदि ने हिस्सा लिया।

मोदी सरकार के विरुद्ध आंदोलन चलाने की अपील

इसके उद्घाटन सत्र में देशभर से आए मुस्लिम विद्वानों, उलेमा और बुद्धिजीवियों ने भारतीय मुसलमानों से मायूस न होकर हालात का डटकर मुकाबला करने की अपील की है। सम्मेलन में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन चलाने की भी बात की गई है। सम्मेलन में अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए जेल भरो आंदोलन चलाने पर भी बल दिया गया। इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं के जरिए देश के वर्तमान हालात पर खुलकर चर्चा की गई। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की ईदगाह मस्जिद के सम्बंध में हिंदू पक्षकारों की तरफ से दायर किए गए मुकदमे पर भी चर्चा की गई। उपस्थित मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने एक सुर में देशभर की सभी मस्जिदों की स्थिति को बदलने की किसी भी प्रयास की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि किसी भी सूरत में 1947 की स्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा। उनका कहना है कि हमारी मस्जिद और मजहबी स्थलों की स्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

धार्मिक स्थलों के विवाद पर भी रखी बात

सम्मेलन में ज्ञानवापी और मथुरा की मस्जिद के साथ-साथ अन्य मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को लेकर अदालतों में चल रहे मुकदमों की पूरी तरह से पैरवी करने और पक्षकारों को पूरी तरह से मदद किए जाने पर भी बल दिया गया है। सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया है कि देशभर में मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है और उनके साथ हिंसात्मक घटनाएं की जा रही हैं। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर मुसलमानों को डराने की कोशिश की जा रही है। सम्मेलन में कहा गया है कि मुसलमानों को इस तरह की हरकत से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि हिंदुत्ववादी ताकतों का जमकर मुकाबला करने की जरूरत है।

मुसलमानों के मामलों की नहीं हो रही सुनवाई

सम्मेलन में उपस्थित मुस्लिम विद्वानों ने कहा है कि मोदी सरकार में मुसलमानों की कहीं पर किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हो रही है। इस सरकार को जगाने के लिए अगर हमें जेल भरना भी पड़े तो हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए। इस मौके पर राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों का नेतृत्व करने के लिए कमेटी का गठन किए जाने पर भी बल दिया गया है। इसके साथ ही कारवां निकालने और घर-घर जाकर लोगों से मिलने और हिन्दू भाईयों से भी मुलाकात कर सौहार्द बनाने पर भी बल दिया गया है।

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