National news, New Delhi news : दुनिया का पहला स्वदेशी हल्का अटैक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) ‘प्रचंड’ भारतीय सेना और वायु सेना के लिए नयी ताकत बनकर उभरा है। इसे चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात करने के लिए वायु सेना जल्द ही 156 हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए एचएएल को आॅर्डर देने की तैयारी में है। यह प्रस्ताव संयुक्त अधिग्रहण मामले के रूप में सरकार के पास रखा गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की सम्भावना है। सेना और वायु सेना को एक साल के भीतर 15 हेलीकॉप्टर मिले हैं, जिन्हें दोनों सेनाएं अपने-अपने बेड़े में शामिल कर चुकी हैं।
संयुक्त अधिग्रहण मामले के रूप में प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की सम्भावना
पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एलसीएच की पहली स्क्वाड्रन ‘धनुष’ राजस्थान के जोधपुर में पिछले साल 03 अक्टूबर को शुरू की गयी थी। पहली खेप में एचएएल से मिले 04 हेलीकॉप्टरों को इसी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना के बेड़े में शामिल किया था। इसके बाद से एक साल के भीतर एचएएल से सेना को 05 और वायु सेना को 10 हेलीकॉप्टर मिल चुके हैं, जिनका इस्तेमाल दोनों सेनाएं कर रही हैं। चीनी खतरे को देखते हुए सेना ने असम के मिसामारी में प्रचंड को तैनात किया है। यहां से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) महज 250 किमी. दूरी पर है। इसी तरह अरुणाचल प्रदेश में चार एलसीएच किये गए हैं, जो एलएसी के अग्रिम इलाकों को कवर कर रहे हैं।
एचएएल से वायु सेना को मिले सभी 10 एलसीएच राजस्थान के जोधपुर में बनाई गई ह्यधनुषह्ण स्क्वाड्रन में तैनात किये गये हैं। इनकी अटैक क्षमता देखने के बाद सेना और वायु सेना ने 156 और एलसीएच ‘प्रचंड’ की जरूरत जतायी है। दोनों सेनाओं के लिए यह संयुक्त अधिग्रहण प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की सम्भावना है। इन 156 हेलीकॉप्टरों में से 66 भारतीय वायु सेना को और 90 भारतीय सेना को मिलेंगे। सेना को एलसीएच ‘प्रचंड’ मिलने के बाद अलग-अलग पहाड़ी इलाकों में सात यूनिट्स बनायी जायेंगी।
एलसीएच ‘प्रचंड’ की खूबियां
पर्वतीय युद्ध के दौरान यह 16 हजार फीट पर भी पेलोड के साथ टेक आॅफ और लैंडिंग कर सकता है। यह हेलीकॉप्टर 20 एमएम बुर्ज गन, 70 एमएम रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम, एयर टू ग्राउंड और एयर टू एयर लॉन्चिंग मिसाइल सिस्टम से लैस है। दो इंजन वाला एलसीएच ‘प्रचंड’ 5.8 टन वर्ग का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जिसमें दो लोग बैठ सकते हैं। एलसीएच पहला स्वदेशी मल्टी-रोल कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है, जिसमें शक्तिशाली जमीनी हमले की और हवाई युद्ध की क्षमता है। इसमें आधुनिक स्टील्थ विशेषताएं, मजबूत कवच सुरक्षा और रात्रि आक्रमण की दुर्जेय क्षमता है। आॅनबोर्ड एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम, नजदीकी मुकाबले के लिए बनायी गयी गन्स और हवा से हवा में मार करनेवाली शक्तिशाली मिसाइलें लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को आधुनिक युद्ध के मैदान के लिए विशेष रूप से अनुकूल बनाती हैं। यह उच्च ऊंचाई वाले इलाकों से संचालित होने और उच्च ऊंचाई वाले लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करने में सक्षम है।