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National: पहली बार रक्षा उद्योग में भारत ने दी 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी, जानें क्या होगा इससे

National: पहली बार रक्षा उद्योग में भारत ने दी 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी, जानें क्या होगा इससे

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National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, India approves 100 percent FDI in defense industry : भारत ने पहली बार रक्षा उद्योग में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है। स्वीडिश कम्पनी साब ने रक्षा परियोजना में भारत का पहला 100 फीसदी एफडीआई हासिल किया है। यह मंजूरी हरियाणा में फैक्टरी की स्थापना करने के लिए दी गयी है। इस फैक्टरी में एंटी आर्मर, एंटी टैंक, बंकर और कार्ल-गुस्ताफ एम4 रॉकेट लॉन्चर का भी निर्माण किया जाना है। भारतीय सेना पहले से ही कंधे से दागे जाने वाले रॉकेट का इस्तेमाल कर रही है। इन रॉकेट लॉन्चरों का यूके्रन-रूस युद्ध में जम कर इस्तेमाल हो रहा है।

स्वीडिश कम्पनी साब ने रक्षा परियोजना में भारत का पहला 100 फीसदी एफडीआई हासिल किया

भारत ने अभी तक रक्षा उद्योग में 74 फीसदी तक एफडीआई की अनुमति दी है। हालांकि, 2015 में एफडीआई मंजूरी के नियमों में ढील दी गयी थी, लेकिन अब तक कोई भी विदेशी कम्पनी रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति नहीं ले पायी थी। यह पहला मौका है, जब स्वीडिश कम्पनी साब ने रक्षा परियोजना में भारत का पहला 100 फीसदी एफडीआई हासिल किया है। सूत्रों ने कहा कि 500 करोड़ रुपये से कम मूल्य के एफडीआई प्रस्ताव को पिछले महीने मंजूरी दे दी गयी थी। साथ ही, स्वीडन के साब को एक नयी फैक्टरी स्थापित करने की अनुमति दी गयी है, जो कार्ल-गुस्ताफ रॉकेट का निर्माण करेगी।

हरियाणा में फैक्टरी के लिए भारत में नयी कम्पनी ‘साब एफएफवी इंडिया’ पंजीकृत की गयी 

दरअसल, हरियाणा में एक फैक्टरी स्थापित करने के लिए भारत में नयी कम्पनी ‘साब एफएफवी इंडिया’ पंजीकृत की गयी है। इसमें कार्ल-गुस्ताफ एम4 लॉन्चर सिस्टम की नवीनतम पीढ़ी का निर्माण किया जाना है। इस फैक्टरी में कार्ल-गुस्ताफ प्रणाली के लिए साइटिंग तकनीक और कार्बन फाइबर वाइंडिंग सहित उन्नत प्रौद्योगिकियां शामिल होंगी। हालांकि, कंधे से दागे जानेवाले रॉकेट पहले से ही भारतीय सशस्त्र बलों के उपयोग में हैं और स्थानीय उत्पादन शुरू होने के बाद इन्हें निर्यात भी किया जा सकता है। इसके अलावा फैक्टरी में एंटी टैंक, बंकर और विभिन्न प्रकार के रॉकेट लॉन्चर का उत्पादन किया जाना है।

पहली वैश्विक रक्षा कम्पनी होने पर गर्व

साब इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मैट्स पामबर्ग ने कहा, ‘हमें भारत में नयी फैक्टरी स्थापित करने के लिए भारत सरकार से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का अनुमोदन मिलनेवाली पहली वैश्विक रक्षा कम्पनी होने पर गर्व है। हम ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारतीय भागीदारों के साथ भारत में कार्ल-गुस्ताफ एम4 रॉकेट लॉन्चर के उत्पादन के साथ भारतीय सशस्त्र बलों का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं। यह स्वीडन के बाहर पहली फैक्टरी होगी, जिसमें रॉकेट लॉन्चर का निर्माण अगले साल शुरू होगा। कंधे से लॉन्च की जानेवाली हथियार प्रणाली का उपयोग अमेरिकी, यूरोपीय और भारतीय सशस्त्र बल करते हैं और इसका उपयोग दुश्मन के मजबूत ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया जाता है।’

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