National news, National update, New Delhi news, Ahmedabad news, latest National Hindi news : मछुआरों, मछली किसानों और हित-धारकों के योगदान और उपलब्धियों का जश्न मनाने और मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और न्यायसंगत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए, मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार विश्व मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर वैश्विक मत्स्य पालन सम्मेलन भारत 2023 का आयोजन कर रहा है। दो दिवसीय यह कार्यक्रम 21 और 22 नवम्बर को अहमदाबाद के गुजरात साइंस सिटी में ‘मत्स्य पालन और जलीय कृषि सम्पदा का जश्न मनायें’ विषय पर आयोजित किया जायेगा।यह जानकारी केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने नयी दिल्ली में दी। इस मौके पर उन्होंने भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र को विश्व स्तर पर नयी ऊंचाइयों को प्राप्त करने और राष्ट्र निर्माण में मछुआरों और मछुआरा समुदायों के महत्त्वपूर्ण योगदान के प्रतीक के तौर पर एक कार्यक्रम लोगो का भी अनावरण किया। कार्यक्रम के दौरान मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी भी उपस्थित रहे।
अंतदेर्शीय मत्स्य पालन में वृद्धि
परषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र ने अंतदेर्शीय मछली उत्पादन, निर्यात, जलीय कृषि विशेष रूप से अंतदेर्शीय मत्स्य पालन में वृद्धि देखी है, जो केन्द्र, राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों और सभी क्षेत्रों में लाभार्थियों के संचयी प्रयासों से 70 प्रतिशत से अधिक मछली उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि पिछले 09 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्तमान सरकार के दौरान मत्स्य पालन क्षेत्र को महत्व मिला, जिससे मछली उत्पादन और जलीय कृषि क्षेत्र के मामले में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हासिल हुई।
सरकारी पहलों का भी प्रदर्शन किया जायेगा
डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि मंत्रालय सतत विकास और वैश्विक मत्स्य पालन सम्मेलन भारत 2023 पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है, जो मछुआरों, किसानों, उद्योग, तटीय समुदायों, निर्यातकों, अनुसंधान संस्थानों, निवेशकों, प्रदर्शकों जैसे सभी हितधारकों के लिए एक मंच प्रदान करता है। इससे एक साथ एक मंच पर और प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों और बाजार लिंकेज अवसरों पर विचारों, सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए जुड़ सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सम्मेलन में मत्स्य पालन क्षेत्र जैसे सागर परिक्रमा, पीएमएमएसवाई, मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे आदि में किए गए विकास और सरकारी पहलों का भी प्रदर्शन किया जायेगा।
समावेशी विकास लाने की अपार सम्भावनाएं
गौरतलब है कि मत्स्य पालन को एक उभरता हुआ क्षेत्र माना जाता है और इसमें समाज के कमजोर वर्ग के आर्थिक सशक्तीकरण द्वारा न्यायसंगत और समावेशी विकास लाने की अपार सम्भावनाएं हैं। वैश्विक मछली उत्पादन में 08 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि उत्पादक, सबसे बड़ा झींगा उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा समुद्री भोजन निर्यातक है। यह देश के 3 करोड़ मछुआरों और मछली किसानों को स्थायी आय और आजीविका प्रदान करने में भी सहायक रहा है।