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National: गृह मंत्री अमित शाह बोले- वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में

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National news, new Delhi news, amit Shah : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि वामपंथी उग्रवाद को अगले दो वर्षों में पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प का यह वर्ष है। राज्यों के सहयोग से 2022 और 2023 में इस समस्या के खिलाफ बड़ी सफलताएं प्राप्त हुई हैं। अब यह लड़ाई निर्णायक दौर में आ चुकी है। अमित शाह ने नयी दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केन्द्रीय गृह सचिव, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, केन्द्र सरकार के सचिव, राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। शाह ने आगाह किया कि वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हुए क्षेत्रों में लगातार निगरानी बनाए रखने की जरूरत है जिससे वहां यह समस्या फिर से खड़ी न हो सके। हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणामस्वरूप चार दशक में सबसे कम हिंसा और मृत्यु 2022 में दर्ज की गयी है।

उग्रवाद पर नकेल कसने में सफलता हासिल हुई

गृहमंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने में अच्छी सफलता हासिल हुई है, अब यह लड़ाई निर्णायक दौर में आ चुकी है। उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से अब तक निर्वात (वेक्यूम) क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है, हमने सीएपीएफ के 195 नये शिविर स्थापित किये हैं। साथ ही, 44 नये शिविर और स्थापित किये जायेंगे। मोदी सरकार की प्राथमिकता वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती, विकास का संतुलन और निर्वात क्षेत्रों में शिविर स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि 2005 से 2014 के कालखंड के मुकाबले 2014 से 2023 के बीच वामपंथी उग्रवाद सम्बन्धी हिंसा में 52 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है, सुरक्षाबलों की मृत्यु में 72 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 68 प्रतिशत की कमी आयी है।

जांच एजेंसियों के साथ मिलकर बेहतर काम हो रहा

गृहमंत्री ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद के वित्तीय पोषण पर प्रहार करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सभी राज्यों की एजेंसियों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। वामपंथी उग्रवाद के वित्तीय पोषण को रोकने के लिए प्रभावित राज्यों को अपने यहां नागरिक और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम बना कर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2017 में वामपंथी उग्रवाद के पीड़ितों के लिए अनुग्रह राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया था। अब इसे और बढ़ा कर 40 लाख रुपये किया गया है। मोदी सरकार ने 9 वर्षों में सुरक्षा से जुड़े खर्च को पहले की तुलना में लगभग दोगुना बढ़ाने का काम किया है। गृहमंत्री शाह ने कहा कि फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशनों के निर्माण, राज्य के खुफिया उपकरणों और उग्रवाद से प्रभावित राज्य के विशेष बलों को मजबूत बनाने के लिए 992 करोड़ रुपये की विशेष बुनियादी ढांचा योजना के सुझाव दिये गये हैं। मोदी सरकार ने 9 साल में सुरक्षा संबंधी व्यय में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी की है।

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