National news, UP news, Jaunpur news, New Delhi news : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य ही शिक्षा और सीखने पर ध्यान केन्द्रित करना और “भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति” बनाना है। उक्त बातें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को जौनपुर डाक बंगले में पत्रकारों से बात करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य 2040 तक एक कुशल शिक्षा प्रणाली बनाना है, जिसमें सभी शिक्षार्थियों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किये बिना उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक समान पहुंच हो। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एक नयी प्रणाली का निर्माण करना है, जो भारत की परम्पराओं और मूल्य को अपने अंदर समाहित करते हुए विश्वगुरु बनने का मार्ग प्रशस्त करे।
बिना शिक्षा मनुष्य का जीवन अधूरा
उन्होंने कहा कि भारत का पुन: गौरव स्थापित करने के लिए नयी शिक्षा नीति में भारत के सांस्कृतिक इतिहास, वैज्ञानिक उनवेष (नवाचार) इत्यादि आयामों पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के मनुष्य का जीवन ही अधूरा रहता है। उन्होंने कहा कि आज के तकनीक के युग में तकनीक आधारित पूंजी का निर्माण होता है, आज जिसके पास तकनीक है, वही पूंजीपति है। नयी शिक्षा नीति जन-जन को तकनीकी ज्ञान एवं अपने संस्कृति का ज्ञान देने के लिए लायी गयी है।
भारत को सच्ची स्वतंत्रता तभी प्राप्त होगी, जब…
उन्होंने गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा कही गयीं बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता तभी प्राप्त होगी, जब भारत की बुनियाद पूर्ण रूप से शिक्षा पर आधारित हो जाये। उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान, शिक्षा और प्रज्ञा का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि हमें सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है। स्वामी रंगनाथन द्वारा कही गयीं बातों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि जिसके पास सरस्वती रहती हैं, वहां लक्ष्मी नहीं जातीं। मगर, रंगनाथन ने कहा कि यह बात बिलकुल गलत है। जहां सरस्वती रहेंगी, वहां लक्ष्मी जी अपने आप आ जायेंगी। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि अगर शिक्षित व्यक्ति अपनी शिक्षा का उपयोग किसी को शिक्षित करने में नहीं करता है, तो उसे अगर गद्दार की संज्ञा दी जाये, तो गलत नहीं होगा। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह मौजूद रहे।