Lok Sabha adjourned indefinitely, Top National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news : लोकसभा गुरुवार 21 दिसम्बर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 22 दिसम्बर तक का वक्त तय किया गया था। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि सदन की कार्यवाही 61 घंटे 50 मिनट चली। वर्क प्रोडक्टिविटी 74% रही। चर्चा के बाद 18 सरकारी विधेयक पास हुए। शून्यकाल के दौरान 182 मामले उठाये गये। राज्यसभा में तीनों क्रिमिनल बिलों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल पर चर्चा हुई। इसमें अंग्रेजों के समय का राजद्रोह कानून खत्म किया गया है। नाबालिग से रेप और मॉब लिंचिंग जैसे क्राइम में फांसी की सजा दी जायेगी।
संसद से अब तक 146 सांसद सस्पेंड
लोकसभा से गुरुवार 21 दिसम्बर को तीन और सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। कांग्रेस सांसद डी के सुरेश, नकुल नाथ और दीपक बैज को निलम्बित किया गया। 20 दिसम्बर को भी लोकसभा से 02 सांसदों को निलम्बित किया गया था। अब तक 146 सांसद निलम्बित किये जा चुके हैं। इनमें 112 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं। इन सांसदों के संसद में दाखिल होने पर रोक है। विपक्ष का आरोप है कि सांसदों को निलम्बित करके भाजपा सभी बिल बिना बहस के पास कराना चाहती है।
ये बिल पास हुए
राज्यसभा में गुरुवार को टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पास हो गया। इस बिल को लोकसभा में 20 दिसम्बर को पास किया गया था। अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज जायेगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जायेगा। इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 03 साल जेल और 50 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा ने गुरुवार को ही मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्तों को विनियमित करनेवाले बिल को मंजूरी दे दी। राज्यसभा से यह बिल 12 दिसम्बर को पास हुआ था। इसे चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और कामकाज का संचालन) अधिनियम, 1991 की जगह लाया गया है।
विपक्ष ने विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला
21 दिसम्बर को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सांसदों ने पुरानी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान खड़गे ने कहा कि सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद से विपक्ष के सांसदों का निलम्बन ठीक नहीं है। इस बीच, लोकसभा और राज्यसभा के अंदर भी हंगामा हुआ। आज भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। प्रश्नकाल में ही विपक्ष के कुछ सांसद नारेबाजी करते दिखे।
जंतर-मंतर पर आज प्रदर्शन करेंगी विपक्षी पार्टियां
जंतर-मंतर पर शुक्रवार को प्रदर्शन करेंगी विपक्षी पार्टियां
आईएनडीआईए के सांसदों को निलम्बित किये जाने के खिलाफ कांग्रेस ने 22 दिसम्बर को पूर्वाह्न 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। विपक्ष ने मांग की, कि गृह मंत्री संसद में हुई सुरक्षा चूक के मुद्दे पर दोनों सदन में जवाब दें और सभी निलम्बित सांसदों का निलम्बन वापस लिया जाये। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सम्बोधित करेंगे। खड़गे ने कहा कि पीएम वाराणसी, अहमदाबाद जा रहे हैं, वह हर जगह बोल रहे हैं, संसद में सुरक्षा चूक पर नहीं बोल रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद के सिक्योरिटी लैप्स पर कुछ नहीं कहा। हम इसकी निन्दा करते हैं। सरकार सदन नहीं चलने देना चाह रही है। विपक्ष की आवाज दबा रही है। संसद में बोलना हमारा अधिकार है। सभापति मामले को जातिगत रंग दे रहे हैं। उपराष्ट्रपति के अपमान मुद्दे पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में खड़गे ने कहा कि उन्हें (उपराष्ट्रपति को) इस मुद्दे को जातीय मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। शरद पवार ने कहा कि सदन में जो हुआ, वह इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो लोग सदन में घुसे, वे किसकी मदद से आये। सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? चर्चा कराने के बजाय सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। सभापति की मिमिक्री पर पवार ने कहा कि यह सदन के अंदर का नहीं, बाहर का मामला है।
प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन आफ पीरियॉडिकल विधयेक 2023 लोकसभा से पारित
प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन आफ पीरियॉडिकल विधयेक 2023 गुरुवार को लोकसभा से पारित हो गया। गुरुवार को लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन आॅफ पीरियॉडिकल्स विधयेक 2023 के माध्यम से गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल कर नये भारत के लिए एक नया कानून लाने का कार्य किया गया है। उन्होंने चर्चा के दौरान पुराने कानून के बारे में कहा कि सन 1867 के अधिनियम के तहत अंग्रेजों की मानसिकता थी कि प्रेस को अपने अधीन रखें। यहां तक कि उनके लिए रजिस्ट्रेशन करना भी अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती थी। प्रिंटिंग प्रेस लगाना या पब्लिशर बनना, ये अपने आप में बहुत बड़ी बात थी। इसमें डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट (डीएम) का अहम भूमिका होती थी।
8 चरणों में पूरी प्रक्रिया पूरी होती थी
8 चरणों में इसकी पूरी प्रक्रिया पूरी होती थी। डीएम के पास जा कर पंजीकरण करने से लेकर रजिस्ट्रार न्यूजपेपर आॅफ इंडिया के पास तक आठ प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती थी।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित हो जाने से केवल दो महीने के अंदर आपको अपना समाचार पत्र हो या पत्रिका हो उसकी अनुमति मिल जायेगी। यह बेहद सरल है और स्मार्ट भी है। पहले डीएम के पास रजिस्टर करना पड़ता और फिर रजिस्ट्रार आॅफ न्यूजपेपर के पास अनुमति लेनी पड़ती थी, अब ऐसा नहीं है। अब डीएम के पास भी और आरएनआई के पास भी एक ही समय पर आप रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। अगर डीएम 60 दिन में जवाब नहीं भी देता तो आरएनआई ही आपको अनुमति दे देगी। इससे बहुत बड़ी सुविधा मिलनेवाली है।
भारतीय दूरसंचार विधेयक 2023 को संसद की मंजूरी
राज्यसभा ने गुरुवार को दूरसंचार क्षेत्र में रिफॉर्म से जुड़ा विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा ने कल इस विधेयक को पारित किया था। इसके साथ ही भारतीय दूरसंचार विधेयक 2023 को संसद की मंजूरी मिल गयी।
विधेयक कानून बनने के बाद 1885 के भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1933 के भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम और 1950 के टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम का स्थान लेगा।
राज्यसभा में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विधेयक को चर्चा के लिए आज पेश किया। बाद में चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश का टेलीकॉम क्षेत्र कठिनाई और घोटालों से आगे निकल कर नयी चमक बिखेर रहा है। इसी चमक को बढ़ाने और रिफॉर्म को विस्तार देने के लिए विधेयक लाया गया है। एक समय में टेलीकॉम जैसे पवित्र संसाधन का काले कारनामों के लिए उपयोग किया गया था।
विधेयक में लाए गए प्रावधानों को कुछ बिन्दुओं में शामिल करते हुए मंत्री ने कहा कि इसे उपभोक्ता केन्द्रित बनाया गया है। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रकचर को विस्तार देने, स्पेक्ट्रम के उचित उपयोग करने, लाइसेंस प्रक्रिया को आसान बनाने, साइबर सुरक्षा को मजबूत करने, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने और देश में उत्पादन को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया गया है।