दक्षिणी कमान की मेजबानी में हुई ‘भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भर एयर आर्म’ सेमिनार, नौसेना के स्वदेशीकरण प्रयासों में योगदान देने के लिए तीन नौसैनिक प्रशस्ति से सम्मानित
National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, Indian Navy : कोच्चि स्थित दक्षिणी नौसेना कमान की मेजबानी में 13-14 नवम्बर को हुई “भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भर एयर आर्म” विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का मंगलवार को समापन हो गया। यह कार्यक्रम मुख्यालय नौसेना विमानन के तत्वावधान में हुआ, जिसकी अध्यक्षता नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने की। उन्होंने इस मौके पर स्वदेशीकरण प्रयासों में योगदान देने के लिए तीन नौसैनिकों को प्रशस्ति से सम्मानित किया।
आत्मनिर्भर दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर
नौसेना प्रमुख ने अपने मुख्य भाषण में समुद्री क्षेत्र में चुनौतियों का मुकाबला करने में आत्मनिर्भर दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” पहल को भारतीय नौसेना ने अपने विमानन क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया है। देश के भीतर विमान निर्माण की दिशा में विभिन्न पुर्जों और महत्त्वपूर्ण घटकों के स्वदेशीकरण में तेजी आई है और भारतीय उद्योग की क्षमता उत्साहजनक रही है। उन्होंने कड़ी जांच लागू करने और एसओपी पर दोबारा गौर करके उड़ान सुरक्षा के महत्त्व और विमान दुर्घटनाओं में कमी लाने पर प्रकाश डाला।
व्यावहारिक पेपर प्रस्तुत किये
एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि विशेषज्ञों और प्रख्यात पैनलिस्टों ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए गहन विश्लेषण और रणनीतियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए व्यावहारिक पेपर प्रस्तुत किये। इस सेमिनार ने स्वदेशीकरण प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने के लिए समकालीन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिहाज से विमानन विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने का कार्य किया। इसका महत्त्व इसलिए है, क्योंकि यह “आत्मनिर्भर भारत” पहल के अनुरूप नौसेना विमानन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के तरीकों को देखने का एक अनूठा प्रयास था।
उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किये गये
इस अवसर पर विभिन्न नौसैनिक स्क्वाड्रनों और उड़ानों को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किये गये। नौसेना प्रमुख ने कमांडर अभिषेक तोमर, रक्षा नागरिक गीतेश शेनॉय एमसीएम (एआर) और जोसेफ टॉम सीएम (एआर) को इस मौके पर प्रशस्ति से सम्मानित किया, जिन्होंने स्वदेशीकरण प्रयासों में योगदान दिया। इसी का नतीजा रहा कि “आत्मनिर्भर भारत” की सच्ची भावना को ध्यान में रखते हुए सीकिंग हेलीकॉप्टरों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सका।