New Delhi news : पहली शादी वैध रहते हुए बेटी ने दूसरी शादी कर ली और मां बाप ने उसका साथ दिया। पहले दामाद ने इसकी शिकायत की तो मां-बाप को सजा मिल गई। उच्चतम न्यायालय ने बेटी का साथ देने के लिए इस मां-बाप को 6 महीने कैद की सजा सुनाई है। हालांकि दूसरी शादी से महिला को एक बच्चा भी हुआ, लेकिन दूसरा पति अपनी पत्नी की पहली शादी से अनजान था। जब राज खुला तो उसने पत्नी के साथ-साथ उसके माता-पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया।
पहले दामाद ने क्या लगाया था आरोप
दामाद ने सास-ससुर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी बेटी को पहली शादी के प्रभावी रहते हुए दूसरी शादी करने के लिए उकसाया। इस मामले में माता-पिता अदालत से दोषी भी करार दिये गये लेकिन सजा मामूली मिली। उन्हें सजा सुनाये जाने वाले दिन अदालत की कार्यवाही पूरी होने तक के लिए कैद की सजा सुनायी थी। दामाद ने सजा को मामूली बताते हुए इसे शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी। न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार के पीठ ने अपने फैसले में माना कि महिला के माता-पिता ने पहली शादी के रहते हुए अपनी बेटी की दूसरी शादी कराने में मदद की थी।