National News : बिहार की राजधानी पटना में 12 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में हमले की साजिश रची गई थी। यह हमला 2013 में गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली में किए गए हमले की तर्ज पर होना था। यहां भी सिलसिलेवार बम ब्लास्ट करने की तैयारी थी। इसके लिए 120 करोड़ की फंडिंग भी हुई थी। बकायदा ट्रेनिंग भी दी जा रही थी। ये खुलासा ईडी ने अपनी जांच में किया है।
ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत एनआईए और ईडी की रेड
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के बिहार समेत 15 राज्यों के 93 ठिकानों पर 22 सितंबर को NIA-ED ने ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत छापेमारी की थी। अब इस मामले में जांच एजेंसी ने बड़ा दावा किया है। कोझिकोड से गिरफ्तार PFI वर्कर शफीक पायथे के रिमांड नोट में ED ने कहा- पटना में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री की रैली में हमले की साजिश की गई थी, जिसके फंडिंग में शफीक पायथे भी शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसी ने कहा संगठन ने उन पर हमला करने के लिए बकायदा एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था, जिससे 2013 जैसी घटना को अंजाम दिया जा सके। अक्टूबर 2013 में पटना गांधी मैदान में तत्कालीन भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे।
जांच में 9 नए संगठनों के नाम
जांच के बाद जो बातें सामने आई हैं, उसके अनुसार जांच एजेंसियों की आंख में धूल झोंकने के लिए ही PFI ने अपना प्लान B सेट कर रखा है। इसके लिए 9 अलग-अलग नामों से संगठन बनाए गए हैं। इनके जरिए अपने प्लान को अंजाम तक पहुंचाने की कवायद की जाएगी।