सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित बीओपी पर सब्जियों, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन का ई-लोकार्पण
National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, dehradun news : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब तक हमारे आईटीबीपी और सेना के जवान सीमा पर तैनात हैं, तब तक भारत की एक इंच भूमि पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता। अब हिम वीरांगनाएं भी देश की सीमा की सुरक्षा में कंधे से कंधा मिला कर शामिल हो रही हैं। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को उत्तराखंड के देहरादून में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 62वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने जवानों के लिए सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित बीओपी (बॉर्डर आॅब्जरवेशन पोस्ट) पर सब्जियों, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन का ई-लोकार्पण किया।
देश की 130 करोड़ जनता सेना के जवानों के साथ
गृह मंत्री ने आईटीबीपी के 147 शहीदों पर बनी फ्लिप बुक को भी लॉन्च किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और आईटीबीपी के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।अमित शाह ने कहा कि देशवासी जब दीपावली के अवसर पर अपने घर में दीया जलाते हैं, तब वे एक दीया सीमा पर तैनात हमारे वीर जवानों के लिए भी जलाते हैं। देश की 130 करोड़ जनता पूरे दिल से वीर जवानों के त्याग, बलिदान, साहस और शौर्य का सम्मान करती है। देश की जनता चैन की नींद सोती है, क्योंकि हमारे वीर जवान अपने जीवन के स्वर्णिम वर्ष सरहद पर देश की सुरक्षा के लिए समर्पित करते हैं।
हिमवीरों का त्याग, सेवा और बलिदान अनमोल
हिमवीरों का त्याग, सेवा और बलिदान अनमोल है और पूरा देश इसे नमन करता है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज आईटीबीपी का स्थापना दिवस है और हमारे हिमवीरों ने पिछले 62 वर्षों से शौर्य, दृढ़ता और कर्मनिष्ठा के ध्येय वाक्य के साथ भारत की दुर्गम सीमाओं को सुरक्षित रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि माइनस 45 डिग्री तापमान में देश की अग्रिम सीमा पर चौकन्ना रह कर उसकी सुरक्षा करना और जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च बलिदान देने से भी पीछे ना हटना, आईटीबीपी की परम्परा रही है। आईटीबीपी 62 साल पहले 7 वाहिनियों के साथ शुरू हुआ। आज एक लाख हिमवीरों, 60 वाहिनियों, 17 प्रशिक्षण केन्द्रों, 16 सेक्टर, 5 फ्रंटियर और 2 कमांड मुख्यालयों के साथ एक मजबूत बल के रूप में उभर कर आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिमवीरों की मांग को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने वायुयान और रेल में सेना की तर्ज पर देश के केन्द्रीय सशस्त्र पुलस बलों का भी कोटा तय कर दिया है।