National cabinet decision, national news, National update :केन्द्र सरकार ने दुनियाभर में उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर रबी सीजन के लिए दी जानेवाली सब्सिडी में 22 हजार करोड़ रुपये का इजाफा करने का फैसला किया है। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि सरकार का इसके पीछे केवल एक ही उद्देश्य है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी कीमतों का बोझ किसानों पर न पड़े।केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रबी सीजन 2023-24 (01 अक्टूबर से अगले साल 31 मार्च तक) के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी।
मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी दी
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार नाइट्रोजन पर 47.2 रुपये, फास्फोरस पर 20.82 रुपये, पोटेशियम पर 2.38 रुपये और सल्फर पर 1.89 रुपये सब्सिडी देगी। इससे 22,303 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय होगा। ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें ज्यादा हैं। इसे देखते हुए सरकार लगातार उर्वरकों पर सब्सिडी दे रही है। 2013-14 के बाद से अब सब्सिडी चार गुना बढ़ गयी है। इसका उद्देश्य केवल किसानों का हित है।
जमरानी बांध परियोजना को केन्द्र की सहायता, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों को मिलेगा लाभ
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने बुधवार को इसे मंजूरी प्रदान की। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च, 2028 तक 2,584.10 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को 1,557.18 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में राम गंगा नदी की सहायक गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की परिकल्पना की गयी है।
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इससे हल्दवानी के लोगों को पीने का पानी, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों को सिंचाई के लिए पानी और 14 मेगावाट बिजली मिलेगी। परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई सम्भव होगी। इस परियोजना में 14 मेगावाट की जल विद्युत उत्पादन के साथ-साथ हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पीने का पानी मिलेगा। इससे 10.65 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी।