National news, National update, supreme court : उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया है। राघव चड्ढा ने विशेषाधिकार समिति द्वारा जांच लम्बित रहने तक राज्यसभा से अपने अनिश्चितकालीन निलम्बन को चुनौती दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को तय कर अटॉर्नी जनरल से सहायता मांगी है।
बता दें की भाजपा के एस फांगनोन कोन्याक, नरहरि अमीन और सुधांशु त्रिवेदी, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई और बीजद के सस्मित पात्रा सहित पांच राज्यसभा सांसदों ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक, 2023 पर विचार करने के लिए एक चयन समिति में उनकी सहमति के बिना उनका नाम शामिल किया गया था। दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति से सम्बन्धित अध्यादेश की जगह लेनेवाला विवादास्पद विधेयक मॉनसून सत्र में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था। इस कानून को 13 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चड्ढा पर बार-बार घोर अनुचितता और कदाचार में शामिल होने का आरोप लगा कर कहा था कि सांसद का आचरण इस प्रतिष्ठित सदन के सदस्य से अपेक्षित नैतिक मानकों से बहुत दूर है। अपने निलम्बन पर राघव चड्ढा ने कहा था, ‘मेरा निलम्बन आज के युवाओं के लिए भाजपा की ओर से एक कड़ा संदेश है। यदि आप सवाल पूछने की हिम्मत करते हैं, हम आपकी आवाज को कुचल देनेवाले हैं।’