Vasundhara, Shivraj will get important responsibility in the Lok Sabha elections, the party will also award posts to the leaders who became MLAs after resigning from the Parliament, Top National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news : मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के चयन के साथ ही उन नेताओं के भविष्य को लेकर सवाल उठने शुरू हो गये हैं, जो पहले से सक्रिय थे। इनमें शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह और वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम पहले आता है। जहां तक रमन सिंह की बात करें, तो छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, जो कि वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्पीकर के तौर पर अगले 05 वर्ष सक्रिय राजनीति से दूर रहेंगे। वसुंधरा राजे सिंधिया वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और अगर सब कुछ ठीक रहा, तो शिवराज सिंह चौहान को भी पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। जानकारों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी शिवराज और वसुंधरा दोनों को अगले वर्ष होनेवाले लोक सभा चुनाव में महत्त्वपूर्ण भूमिका दे सकती है और अगर ये दोनों नेता तैयार हो जाते हैं, तो उन्हें लोक सभा चुनाव लड़वा कर राष्ट्रीय राजनीति में भी शामिल किया जा सकता है।
नेताओं के भविष्य को लेकर सवाल उठने शुरू हो गये हैं
इन प्रदेशों के उन नेताओं के भविष्य को लेकर सवाल उठने शुरू हो गये हैं, जिन्होंने पार्टी आलाकमान के आदेश पर विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद संसद से इस्तीफा दे दिया था। दअरसल, भाजपा ने चुनावी रणनीति के तहत विधान सभा चुनाव में चार राज्यों में 21 सांसदों को मैदान में उतारा था, जिसमें से 12 सांसद विधायकी का चुनाव जीते थे। पार्टी आलाकमान के निर्देश पर इन सभी 12 सांसदों ने संसद से इस्तीफा देकर राज्य की राजनीति में सक्रिय होने को स्वीकार कर लिया। उस समय यह कहा गया था कि इनमें से कई मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। संसद से इस्तीफा देनेवाले सांसदों में नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, राव उदय प्रताप, राकेश सिंह, रीति पाठक, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, किरोड़ी लाल मीणा, महंत बालकनाथ, रेणुका सिंह, अरुण साव और गोमती साय शामिल थे। इन 12 नेताओं में से अरुण साव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री और दीया कुमारी को राजस्थान का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश विधानसभा का स्पीकर बनाने का फैसला किया गया है।
इन नेताओं को भी अहम जिम्मेदारी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक जल्द ही दिल्ली से अपने-अपने राज्यों की विधानसभा में गये हुए बाकी 09 नेताओं को भी अहम जिम्मेदारी मिलनेवाली है। बताया जा रहा है कि इनमें से 05-06 विधायकों को राज्य में मंत्री बनाया जा सकता है। दो विधायकों ने मंत्री नहीं बनने का इशारा करते हुए संगठन के लिए ही काम करने की बात कही है। जबकि इनमें से कुछ को 2024 में फिर से लोक सभा का चुनाव लड़वाने की तैयारी है।