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Navy will be stronger : नौसेना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये से खरीदे जायेंगे पांच फ्लीट सपोर्ट जहाज

Navy will be stronger : नौसेना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये से खरीदे जायेंगे पांच फ्लीट सपोर्ट जहाज

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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देने के लिए एचएसएल से हुआ करार, मध्य समुद्र में जहाजों को ईंधन, भोजन और हथियार देने के लिए होंगे तैनात

National news, National update, Indian Navy will be stronger, Hindustan shipyard limited  : भारतीय नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट शिप (एफएसएस) खरीदे जायेंगे। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) के साथ 19,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं। हर जहाज का वजन 40 हजार टन से अधिक होगा और यह मध्य समुद्र में नौसेना को ईंधन, भोजन और हथियार प्रदान करेगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया जायेगा।

16 अगस्त को अधिग्रहण को मंजूरी दी थी

मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने 16 अगस्त को अपनी बैठक में भारतीय नौसेना के लिए इन जहाजों के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। यह सौदा रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में बड़ा प्रोत्साहन होगा, क्योंकि इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया जायेगा। एफएसएस को मध्य समुद्र में जहाजों को ईंधन, भोजन और हथियार की आपूर्ति करने के लिए तैनात किया जायेगा, जिससे भारतीय नौसेना के बेड़े को बंदरगाह पर लौटे बिना लम्बे समय तक संचालित करने में सक्षम बनाया जा सके।

ये जहाज नौसेना के बेड़े की रणनीतिक पहुंच और गतिशीलता को बढ़ायेंगे

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये जहाज नौसेना के बेड़े की रणनीतिक पहुंच और गतिशीलता को बढ़ायेंगे। इन जहाजों को बेड़े में शामिल किये जाने से भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता में काफी वृद्धि होगी। इन जहाजों को समुद्र में मानव सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए भी तैनात किया जा सकता है। विशाखापत्तनम स्थित हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में निर्मित होने वाले 44 हजार टन के फ्लीट स्पोर्ट जहाज अपनी तरह के पहले होंगे।

168.8 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजन होगा

मंत्रालय के मुताबिक यह परियोजना आठ वर्षों में लगभग 168.8 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजन करेगी। इन जहाजों का निर्माण भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को एक नया आयाम प्रदान करेगा और एमएसएमई सहित सम्बद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। अधिकांश उपकरण और प्रणालियां स्वदेशी निमार्ताओं से हासिल की जायेंगी, जिससे ये जहाज सरकार की ह्यमेक इन इंडियाह्ण पहल के अनुरूप “आत्मनिर्भर भारत” के गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

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