KYC का मतलब नो योर कस्टमर। जब आप बैंक में खाता खुलवाते हैं, तब आपको बैंक में अपना पहचान पत्र और पते का प्रमाणपत्र देना होता है। इसके लिए बैंक आपसे कई सारे डाक्यूमेंट्स को मांगता है। जैसे- आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस मांगता है। जब एक बार आप एक बार दस्तावेज को जमा कर देते है और आपका बैंक खाता खुल जाता है, तो फिर आपसे क्या बैंक दोबारा सारे डाक्यूमेंट्स मांग सकता है। कई बार बैंकों की तरफ से इसकी मांग की जाती है। तब व्यक्ति के मन में कोई सवाल आ सकता है, तो फिर चलिए जानते हैं, आरबीआई क्या कहता है इस बारे में। याद रखिए, अगर आपके बैंक के पास जो डाक्यूमेंट्स जमा किए हैं, उन डाक्यूमेंट्स में ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड और पासपोर्ट और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज जमा नहीं हैं, तो फिर ऐसी स्थिति में बैंक आपसे नए केवाईसी डाक्यूमेंट्स को जमा करने के लिए कह सकता है।
ऐसे में self-declaration ही काफी
अगर आपने केवाईसी से जुड़े जो दस्तावेज हैं, इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है, तो वे सभी दस्तावेज वैलिड हैं, जो आपने बैंक में पहले से जमा किए हैं। फिर आपको दोबारा इन डाक्यूमेट्स को बैंक में जमा करने की जरूरत नही है। आरबीआई दिशा निर्देश के अनुसार, ऐसी स्थिति में कस्टमर्स का सेल्फ डिक्लेरेशन ही काफी है। यदि आपका पता बदल गया है, तो फिर आपको ऐसी स्थिति में अपने नए पते की जानकारी और उसके डाक्यूमेंट्स को फिर से जमा करना होगा। आप अपने नए पते के प्रमाण पत्र को बिना बैंक शाखा में जाकर ऑनलाइन माध्यम से जमा कर सकते है। जब आप नए एड्रेस को बैंक में जमा कर देते हैं, इसके दो महीने के भीतर बैंक उनका वेरिफिकेशन कर सकता है।