Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

NEW DELHI : मीट शॉप बैन पर बोलीं तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा -संविधान मुझे मांस खाने की अनुमति देता है तो…

NEW DELHI : मीट शॉप बैन पर बोलीं तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा -संविधान मुझे मांस खाने की अनुमति देता है तो…

Share this:

नवरात्रि के दौरान दिल्ली के विभिन्न इलाकों में मांस की दुकानों पर लगाई गई रोक का तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने विरोध किया है। उनका कहना है कि जब संविधान उन्हें मांस खाने की इजाजत देता है, तो प्रशासन रोकने वाला कौन होता है।

मेयर ने बोली- सख्ती से होगा प्रतिबंध का पालन

सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘मैं दक्षिण दिल्ली में रहती हूं। संविधान मुझे मांस खाने की अनुमति देता है कि जब मुझे पसंद हो, मैं मांस खा सकती हूं। दुकानदारों को भी अपना व्यापार चलाने की आजादी है।. बता दें कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यन ने नवरात् के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है और कहा है कि इसका सख्ती से पालन किया जाएगा।

मांस दुकान बंद रखने के पीछे क्या दिया तर्क

इस मामले में मेयर का कहना है कि नवरात् के दौरान मीट की दुकानें खुली रहने से हिंदुओं की भावनाएं आहत होती हैं। लिहाजा दिल्ली वासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने ने कहा कि ‘लोगों ने मुझसे शिकायत की है। खुले में मांस कटने से उपवास रखने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्या ये किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं है’? पूर्वी दिल्ली के मेयर ने भी ऐसी ही अपील की है। उन्होंने कहा है कि वह मांस विक्रेताओं से अपील करते हैं कि लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए अपनी दुकान बंद रखें।

नवरात में अधिकांश लोग नहीं खाते मीट

पूर्वी दिल्ली के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि नवरात् के दौरान 90 प्रतिशत लोग मांसाहारी भोजन नहीं करते। वहीं, मुकेश सूर्यन ने कहा कि जब इस दौरान अधिकांश लोग मीट खाते ही नहीं, तो फिर दुकानें खोलने मतलब क्या है। बताते चलें कि दक्षिण दिल्ली में मीट की करीब 1500 पंजीकृत दुकानें हैं। इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मीट की दुकानों को बंद रखने के फैसले पर सवाल उठाया था।

उमर अब्दुल्ला ने भी साधा निशाना

इस मामले पर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा था कि ‘रमजान के दौरान हम सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच कुछ नहीं खाते। मुझे लगता है कि ये भी सही ही होगा कि हम हर गैर-मुसलमानों और पर्यटकों के लिए सार्वजनिक रूप से खाने को प्रतिबंधित कर दें। खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में। अगर दक्षिण दिल्ली के लिए बहुसंख्यकवाद ठीक है, तो ये जम्मू-कश्मीर के लिए भी ठीक होना चाहिए’।

Share this: