New research reveals new facts on anti-coronavirus vaccine Covishield, blood clotting related diseases, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, new research, COVID -19 medicine: कोरोना वायरस के संक्रमण की दहशत के बीच कोरोनारोधी वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स को लेकर नए रिसर्च में अब नए तथ्य सामने आए हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि भारत में कोविशील्ड ब्रांड नाम के तहत बेची जाने वाली एस्ट्राजेनेका वैक्सीन-प्रेरित इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस (वीआईटीटी) नामक एक दुर्लभ रक्त के थक्के जमने की बीमारी से जुड़ी है। ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी और अन्य अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने अपने ताजे रिसर्च में ये दावा किया है। स्टडी की इसी टीम ने 2022 के एक अध्ययन में पीएफ4 एंटीबॉडी के आणविक कोड को क्रैक किया और ओर आनुवंशिक जोखिम कारक की पहचान की। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में उनके निष्कर्ष प्रकाशित हुए हैं। भविष्य में टीका सुरक्षा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव है।
ऑटोएंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रणाली
वीआईटीटी 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान उभरकर सामने आई, विशेष रूप से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के उपयोग के बाद से ही। इसे एडेनोवायरस पर आधारित बताया गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि वीआईटीटी एक हानिकारक रक्त ऑटोएंटीबॉडी के कारण होता है जो प्लेटलेट फैक्टर 4 (पीएफ4) नामक प्रोटीन को टारगेट करता है। 2023 में अलग-अलग शोध से घातक विकार का पता चला, जो सामान्य सर्दी जैसे प्राकृतिक एडेनोवायरस संक्रमण से जुड़ा है। ऑटोएंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित एक प्रकार का एंटीबॉडी है जो गलती से शरीर के स्वयं के ऊतकों को निशाना बनाती है। इससे ऑटोइम्यून बीमारियाँ हो सकती हैं, जहाँ प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों को नुकसान पहुँचाती है। प्रभावित रोगियों में अक्सर मस्तिष्क या पेट जैसी असामान्य जगहों पर रक्त के थक्के बन जाते हैं। उनके रक्त में डी-डिमर नामक पदार्थ का स्तर भी उच्च होता है।