Space Mission, gaganya mission, national news, research and technology : चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो का फोकस अब गगनयान प्रोजेक्ट पर है। इसरो का यह मिशन कई मामले में बहुत ही खास है। आपको बता दें कि इस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की तैयारी चल रही है। यहां एस्ट्रोनॉट्स के तौर पर भारतीय वायुसेना के कई उन पायलट्स को स्पेस में भेजा जाएगा, जिनकी पिछले लंबे समय से ट्रेनिंग चल रही है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने गत शनिवार को कहा है कि गगनयान मिशन के लिए पहले रोबोट्स को तैयार किया जा रहा है। इसके बाद एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
पहले भेजा जाएगा स्पेस क्राफ्ट, फिर व्योममित्र नामक महिला रोबोट की बारी
इसका मकसद यह तय करना है कि मानव मिशन के समय यह स्पेसक्राफ्ट उसी रूट से लौटे, जिससे गया है। इस मिशन के तहत अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट की टेस्टिंग सफल होने के बाद व्योममित्र नाम की महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। रोबोट के भेजने पर वहां सब कुछ ठीक रहा तो हम इससे आगे बढ़ेंगे और मानव मिशन भेजेंगे।
स्पेस फ्लाइट में तीसरे मिशन में जाएंगे दो इंसान
मिशन गगनयान के तहत साल 2023 के आखिरी में इसरो दो शुरुआती अंतरिक्ष मिशन भेजेगा। वहीं तीसरा मिशन 2024 तक भेजा जा सकता है। मिशन के तहत पहला पूरी तरह से मानवरहित होगा। जबकि दूसरे मिशन में व्योममित्र नाम की एक महिला रोबोट भेजी जाएगी। स्पेस फ्लाइट में तीसरे मिशन में दो इंसानों को भेजा जा सकेगा। ये लोग सात दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर जानकारियां जुटाएंगे। इसके लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स को तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए इन्हें रूस के स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दी जा चुकी है।