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जांच के लिए जोका ईएसआई अस्पताल लाए गए पार्थ चटर्जी बोले- फ्लैट से बरामद की गई नकदी मेरे नहीं, समय पर पता चलेगा किसके हैं

जांच के लिए जोका ईएसआई अस्पताल लाए गए पार्थ चटर्जी बोले- फ्लैट से बरामद की गई नकदी मेरे नहीं, समय पर पता चलेगा किसके हैं

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West Bengal news : पिछले दिनों शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के कदावर नेता पार्थ चटर्जी ने रविवार को एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद हुए 50 करोड़ रुपए नगदी, करीब 3.5 करोड़ रुपए मूल्य का सोना और विदेशी मुद्रा तथा मोबाइल फोन आदि को लेकर उन्होंने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि रुपये मेरे नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समय आएगा तो पता चल जाएगा कि रुपये किसके हैं। पार्थ चटर्जी जोका ईएसआई अस्पताल में चिकित्सकीय जांच कराने आए थे। उसी दौरान उन्होंने यह बातें कहीं। पार्थ चटर्जी द्वारा दिए गए बयान के बाद इसके बड़े राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि अर्पिता के घर से बरामद रुपये से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी का संबंध रहा है। ऐसे में पार्थ चटर्जी का यह बयान राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पार्थ चटर्जी की महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के यहां रुपए की खेप लेकर जाते थे डिलीवरी ब्वॉय

शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद हुए 50 करोड़ रुपए को लेकर ईडी अधिकारियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार अर्पिता के घर तक रुपये पहुंचाने का काम डिलीवरी ब्वॉय को सौंपा जाता था। ऐसे लोग जो अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और पिज़्ज़ा डिलीवरी आदि का काम करते थे। वे रुपये लेकर जाते थे और पहुंचाते थे। मजेदार बात यह है कि डिलीवरी देने वाले लड़कों को भी यह जानकारी नहीं होती थी कि वह क्या कुछ डिलीवरी कर रहे हैं। अर्पिता के घर से कुल 50 करोड़ रुपये नगद मिले हैं। इनमें से 22 करोड रुपए टालीगंज के डायमंड सिटी फ्लैट से मिले हैं, जबकि 28 करोड़ रुपये बेलघरिया से बरामद किए गए हैं। पूछताछ में पता चला है कि रुपये पहुंचाने के लिए ऐसे लोगों का इस्तेमाल किया जाता था जो सामानों की डिलीवरी करते हैं। इससे कंपलेक्स में रहने वाले लोगों को संदेह भी नहीं होता था और आसानी से रुपये पहुंच जाते थे।

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